नई दिल्ली, 25 अक्टूबर, 2024
भारत में ओपन सोर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, ”इंडियाएआई”और मेटा ने आज आईआईटी जोधपुर में सेंटर फॉर जेनेरेटिव एआई, श्रीजन (सृजन) की स्थापना की घोषणा की। इसके साथ ही अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के साथ साझेदारी में ”स्किलिंग और क्षमता निर्माण के लिए युवएआई“ की लाॅंचिंग भी गई। यह साझेदारी स्वदेशी एआई अनुप्रयोगों के विकास, एआई में उन्नत कौशल विकास और तकनीकी संप्रभुता सुनिश्चित करने के भारत के एआई मिशन में योगदान देने के उद्देश्य से अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ावा देने और भारत के लिए एआई समाधान तैयार करने में सहयेग करेगी।
सेंटर फॉर जेनरेटिव एआई, श्रीजन (सृजन) की स्थापना
इस साझेदारी के तहत मेटा आईआईटी जोधपुर में सेंटर फॉर जेनरेटिव एआई, श्रीजन, (सृजन) (ष्जेनएआई सीओईष्) की स्थापना में सहयोग करेगा। इसका लक्ष्य भारत में जिम्मेदार और नैतिक एआई प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देते हुए एआई में अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाना है; यह एआई प्रौद्योगिकी परिदृश्य में ओपन साइंस नवाचारों का सहयोग करेगा और उन्हें बढ़ाएगा। मेटा ने इसमें घोषणा की तिथि से तीन वर्षों की अवधि में 750 लाख रुपये (दान के रूप में) तक निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।
इस साझेदारी के महत्व के बारे में एमईआईटीवाई के सचिव श्री एस कृष्णन ने कहा कि इंडिया एआई, आईआईटी जोधपुर, एआईसीटीई और मेटा के बीच यह एक रणनीतिक साझेदारी है।
घोषणा की पृष्ठभूमि
27 जुलाई, 2023 को मेटा ने भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत कार्यरत एक स्वतंत्र व्यापार इकाई (आईबीडी) “इंडियाएआई“ के साथ आर्टिफिषियल इंटेलिजेंस (एआई) में सहयोग बढ़ाने के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। इसका उद्देश्य एआई और उभरती प्रौद्योगिकियों में प्रगति को बढ़ावा देना था। इसके तहत एआई और उभरती प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाने तथा एआई और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों के स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की जानी है। इसी के तहत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर के साथ जेनएआई सीओई (सृजन) की स्थापना भी की जानी थी। इस सेंटर को मेटा सहयेाग देगा।
इंडिया एआई आईआईटी जोधपुर में स्थापित किए जा रहे सीओई में काम करने वाले शोधकर्ताओं को सहायता देगा। जेनएआई सीओई का लक्ष्य अनुसंधान और प्रयोगों के माध्यम से जेनरेटिव एआई के क्षेत्र में एक सहयोगी इकोसिस्टम तैयार करना है ताकि शिक्षा, मोबिलिटी और स्वास्थ्य देखभाल डोमेन में राष्ट्रीय चुनौतियों का समाधान किया जा सके। यह सेंटर शिक्षा, क्षमता निर्माण और नीतियों के माध्यम से अगली पीढ़ी के शोधकर्ताओं, छात्रों और चिकित्सकों को जेनएआई प्रौद्योगिकियां विकसित और लागू करने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपाय उपलब्ध कराएगा। फंडिंग का उपयोग आईआईटी जोधपुर द्वारा जेनएआई सीओई की गतिविधियों के लिए किया जाएगा। इसके जरिए स्वदेशी अनुसंधान इकोसिस्टम को बढ़ावा देने, जेनएआई अनुसंधान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए अकादमिक, सरकार और उद्योग हितधारकों के साथ सहयोग करने, एआई प्रौद्योगिकी परिदृश्य में ओपन साइंस इनोवेशन को बढ़ावा देने जैसे काम किए जाने हैं।
सीओई की स्थापना और कार्यान्वयन आईआईटी जोधपुर द्वारा किया जाएगा। मेटा सीड फंड प्रदान करेगा और मेटा के शोधकर्ताओं के साथ प्रौद्योगिकी और अनुसंधान पर चर्चा की सुविधा देगा। पारस्परिक सहमति के अनुसार मेटा की ओपन-सोर्स प्रौद्योगिकियों के बारे में सहायता प्रदान करेगा।
सीओई में एक अकादमिक अनुसंधान टीम होगी जिसमें आईआईटी जोधपुर के संकाय सदस्य, पोस्ट-डॉक्टरल फेलो, डॉक्टरेट, स्नातक छात्र और प्रशासनिक कर्मचारी शामिल होंगे। इसका समन्वय केंद्र निदेशक द्वारा किया जाएगा, जो परियोजना के प्रधान अन्वेषक होंगे। टीम रेलवे के लिए गति शक्ति विश्वविद्यालय, पीजीआई चंडीगढ़, एम्स जोधपुर और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए आईएचबीएएस दिल्ली के साथ भी इंटरफेस करेगी।
मेटा द्वारा सीड फंडिंग और इंडियाएआई के सहयोग से प्रारंभिक चरण के बाद जेनएआई की दीर्घकालिक उपयोग के लिए आईआईटी जोधपुर एक व्यापक योजना तैयार करेगा जिसमें विविध राजस्व उपाय ं, रणनीतिक साझेदारी और निरंतर नवाचार शामिल होंगे। फंडिंग सहायता की अवधि के लिए केंद्र की प्रगति की वार्षिक निगरानी एमईआईटीवाई और मेटा की संयुक्त समिति द्वारा की जाएगी।