कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा नस्ल सुधार के लिए मारवाड़ी नस्ल के बकरे किए गए वितरित
जालोर 28 नवम्बर। कृषि विज्ञान केन्द्र केशवना द्वारा अनुसूचित जनजाति उपयोजना के तहत विभिन्न तकनीकी हस्तक्षेपों के माध्यम से अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवार की आय में वृद्धि करने के साथ ही स्थायी आजीविका प्रदान कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाने तथा किसानों को बकरी पालन में आने वाली समस्याओं के बारे में चर्चा कर उसका उचित प्रबंधन करवाने के लिए 25 से 28 नवम्बर तक केन्द्र में जनजातीय किसानां के लिए वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन विषय पर चार दिवसीय संस्थागत प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 25 किसानों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार ने केन्द्र की गतिविधियों के बारे में बताते हुए किसानों को बकरी पालन व्यवसाय के लाभ बताएं। कार्यक्रम के नोडल ऑफिसर डॉ. पवन कुमार पारीक ने बकरी पालन से सम्बंधित विभिन सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए इन योजनाओ का अधिक से अधिक लाभ उठाने की बात कही।
सहायक आचार्य पशुपालन डॉ. आशु सिंह गोदारा ने किसानों को बकरियों में होने वाली विभिन्न बीमारियों, टीकाकरण, आवास इत्यादि विषयों पर विस्तृत व्याख्यान दिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंत में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 10 किसानों को नस्ल सुधार के लिए मारवाड़ी नस्ल के बकरे वितरित किये गए।
कार्यक्रम में केंद्र के मौसम विशेषज्ञ आनंद शर्मा, प्रसार विशेषज्ञ सुमन शर्मा, शस्य विज्ञान विशेषज्ञ बिरम सिंह गुर्जर एवं राजीविका से एलआरपी चेतन गर्ग व थाना राम उपस्थित रहे।