जोधपुर 1 अक्टूबर 2024 / केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) जोधपुर का 66वाँ स्थापना दिवस समारोह काजरी सभागार में मनाया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाकृअनुप, नई दिल्ली के पूर्व उपमहानिदेशक (कृषि विस्तार) डा. के.डी. कोकाटे ने कहा कि संस्थान के वैज्ञानिकों ने शोध उपलब्धियां हासिल की जिससे मरूस्थल में जहां रेतीले टिल्ले धोरे नजर आते थे आज वहां पर हरियाली नजर आती है । खरीफ एवं रबी की नवीन किस्मों, तकनीकियों से एवं किसानों एवं वैज्ञानिकों के आपसी समन्वय से क्षेत्र में खेती का विकास हुआ । किसानों के खेतों में उत्पादन बढा, आमदनी बढी और जीवन स्तर में सुधार हुआ । मरूस्थल का परिदृश्य समृद्धि एवं खुशहाली में बदला नजर आता है । जो नवीन किस्में विकसित हुई उनका प्रयोग बढा जिससे खेती में चहुमुंखी विकास हुआ । उन्होंनें कहा फलों, फसलों आदि में मूल्यसंवर्द्धन को और बढावा देने की जरूरत है । बीकानेरी भुजिया, पापड़ आदि विश्वप्रसिद्ध उत्पादन है । काजरी का शोध फार्म अपने आप मंा एक अनूठा है जिसमें कृषि का हर स्वरूप नजर आता है । उन्होंनें काजरी संस्थान के निदेशक डा. ओ.पी. यादव के कुशल नेतृत्व की सराहना की एवं वैज्ञानिकों, अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा किये गये कार्यो के लिए बधाई दी ।
काजरी निदेशक डॉ. ओ.पी. यादव ने संस्थान के वर्ष भर की गतिविधियों पर चर्चा करते हुए कहा कि काजरी मोठ-4 एवं मोठ-5 की नई किस्में इस क्षेत्र में गेम चेंजर का काम करेंगी । जीरा की नई किस्म सीजेडसी-94 जो कि 100 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है एवं सीजेडसी-135 अधिक उत्पादन के लिए तैयार है एवं शीघ्र रिलीज की संभावना है । नवीन किस्मों, तकनीकियों, कृषि पद्धतियों से क्षे़त्र में कृषि का उत्पादन बढेगा । किसानों, महिलाओ, युवाओं, पशुपालकों के लिए गॉंवों में रोजगार बढाने के लिए प्रशिक्षण दिये जा रहे है ताकि उनकी आय बढे । थार शोभा खेजड़ी की बढती प्रसिद्धी, उपयोगिता से इसकी मांग बहुत बढी है । किसानों को उन्न्त बीज, पौधे, तकनीकियां प्रदान की जा रही है। शोध कार्य तीव्र गति से हो इसके लिए आधुनिक प्रयोगशाला, नवीन उपकरण, प्रशिक्षण हॉल, सभागार आदि की सुविधाऐं विकसित की गई है ।
इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि वीएनएमकेवी, परबनी के पूर्व कुलपति डा. बी. वेंकटेश्वरलू एनआईएएसएम, बारामती के निदेशक डा. के.सामी रेडडी, आईसीएआर के सहायक महानिदेशक डा. राजबीर सिंह, सीएसएसआरआई, करनाल के निदेशक डा. आर.के. यादव, विशेष अतिथि आईआईएफएसआर मोदीपूरम के निदेशक, डा. सुनिल कुमार, एनबीएसएस एण्ड एलयूपी, नागपुर के निदेशक, डा. एन.जी. पाटिल, अटारी के निदेशक डा. जे.पी. मिश्रा काजरी के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. आर.के.भट्ट, आईसीएआर के पूर्व संयुक्त सचिव (वित्त) जी .पी. शर्मा, ने भी अपने विचार व्यक्त किये A इस अवसर पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी वरिष्ठ ग्रेड सुरेश कुमार एवं लेखा नियंत्रक सुनीता आर्य भी उपस्थित रहे । कार्यक्रम संयोजक डॉ. आर.के. कांकाणी ने धन्यवाद ज्ञापित किया । कार्यक्रम का संचालन गजे सिंह जोधा एवं डॉ. अमन वर्मा ने किया ।
उल्लेखनीय कार्य करने वाले वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया गया । प्रधान वैज्ञानिक डा. एम.पी. राजौरा को चरागाह विकास प्रबंधन एवं घास बीज उत्पादन में उल्लेखनीय शोध उपलब्धि के लिए डा. के.ए. शंकरनारायण अवार्ड से नवाजा । उत्कृष्ट शोध के लिए वैज्ञानिक श्रेणी में प्रधान वैज्ञानिक डा. एचआर महला, बेस्ट रिसर्च पेपर प्रधान वैज्ञानिक डा. प्रदीप कुमार को के लिए सम्मानित किया । तकनीकी श्रेणी में उल्लेखनीय कार्यों के लिए सुरेन्द्र कुमार, पूनाराम विशनोई, ललित कुमार चौधरी, राघव सिंह मीणा, प्रशासकीय श्रेणी में अनिता शेखावत, एसएसएस श्रेणी में लाछा राम को सम्मानित किया । संस्थान के विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए डा. महेश कुमार, डा. वी.एस. राठौड़, डा. सन्तोष कुमार मरवन, पी.पी. मिश्रा. हरीश पुरोहित, हनुमान राम सेंवर, कैलाश सैनी को सम्मानित किया गया ।