- एक करोड़ लाभार्थी मंत्रालय की योजनाओ से जुड़े – श्री अविनाश गहलोत
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का समाज के लक्षित वर्ग को आत्मनिर्भर करने का संकल्प
- 29 फरवरी से 8 मार्च तक चलने वाले इस मेले में 14 राज्यों के 100 स्टॉल्स
जोधपुर, 29 फरवरी, 2024
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल पर आधारित जोधपुर शिल्प समागम मेले का गुरुवार को रावण का चबुतरे मैदान पर भव्य उद्घाटन हुआ। मेले का उद्घाटन करते हुए केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवाचार से ऐसे स्थानीय हस्तकारों, शिल्पकारों और कलाकारों को अवसर दिया जो साधारण परिस्थितियों में अपनी दक्षता और कला के बल पर असाधारण प्रतिभा के धनी है।
शेखावत ने कहा कि एक समय था जब भारत के शिल्पकारों को विश्व उनकी दक्षता के लिए पहचानता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुलामी के दौरान सिमट चुकी स्थानीय कला और कौशल को अनेक योजनाओं से पुनर्जीवित किया है। उन्होंने विश्वकर्मा सहित अनेक योजनाओं का वर्णन करते हुए कहा कि विशेषकर महिलाऐं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से एक करोड़ से ज्यादा लखपति दीदी बन चुकी है। आने वाले दिनों में इनकी संख्या तिगुनी होने की उम्मीद है।
इस अवसर पर राजस्थान के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि आज राजस्थान की 70% जनसंख्या उनके मंत्रालय से जुड़ी हुई है, जिसमें एक करोड़ लाभार्थी शामिल हैं। इस मौके पर एनएसएफडीसी के सीएमडी रजनीश जनेव ने कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के शीर्ष निगम समाज के लक्षित वर्ग को 3 से 9 प्रतिशत की दर आसानी से ऋण उपलब्ध कराते है जिससे ये वर्ग आत्मनिर्भर और सशक्त हो सके। समाज के पिछड़े और लक्षित वर्ग के उत्थान के उद्देश्य से आयोजित इस मेले का उद्देश्य लगभग 14 राज्यों के 100 अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग और सफाई कर्मचारियों के लाभार्थी को अपने उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री के साथ बड़ा मंच प्रदान करना है।
सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने शीर्ष निगमों के माध्यम से ऋण सहायता प्राप्त अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सफाई कर्मचारियों के लाभार्थियों के लिए प्रदर्शनी का आयोजन करके विपणन मंच प्रदान कर रहा है। यह मेला 29 फरवरी से 8 मार्च तक चलेगा। देश के भिन्न-भिन्न राज्यों के उत्कृष्ट हस्तशिल्प, हथकरघा, हर्बल और हैंड मेड प्रोडक्ट्स की शानदार प्रदर्शन के साथ बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।
साथ ही मेले में देश भर के स्वादिष्ट पकवान का स्वाद लिया जा सकता है और प्रतिदिन शाम रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र होगा जिसमें मुबंई से आये कलाकर बालीवुड सिंगिंग, फोक डांस, भांगड़ा, भोजपुरी संगीत, शास्त्रीय नृत्य और कवि सम्मेलन पेश करेंगे। बच्चों के लिए अलग-अलग झूलों से सुसज्जित किड्ज़ ज़ोन होगा। मेला प्रात: 11 से रात्रि 9 बजे तक चलेगा जिसमें प्रवेश नि:शुल्क है। मंत्रालय इससे पहले दिल्ली, लखनऊ, ग्वालियर, बेंगलुरु और अमृतसर में शिल्प समागम मेलों का आयोजन हो चुका है।