सरकार घोषणा पत्र में दिए वचन को निभाए, मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार रामलाल जाट को ज्ञापन सौंपा
रानीवाड़ा। क्षेत्र में किसानों ने अपनी कई समस्याओं को लेकर सेवाडिया के श्री आपेश्वर महादेव मंदिर में बैठक का आयोजन किया। जिसमें बिजली की अघोषित कटौती और जायद के मौसम की फसलों के नष्ट होने सहित कई समस्याओं को लेकर चर्चा कर मांगे मानने के लिए बिजली विभाग को 28 मई का समय दिया गया। बाद में मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार रामलाल जाट को ज्ञापन सौंपा।
भाकिसं के प्रांत उपाध्यक्ष सोमाराम चौधरी ने बताया कि किसानों की तीन सूत्री मांगों पर खास कर गौर किया गया। जिसमें सबसे गंभीर समस्या कृषि के लिए निर्बाध 6 घंटे विद्युत आपूर्ति करना है। रानीवाड़ा के आधे हिस्से में प्रचुर मात्रा में भूजल संपदा होने की वजह से बाजरा, मूंगफली की पैदावार खेतों में खडी है। ऐसे में बिजली की कमी से फसल जलने लगी है।
ग्रामीण क्षेत्र में राज्य सरकार ने अपने घोषण पत्र में लगातार 18 घंटे घरेलु विद्युत आपूर्ति देने का वायदा किया था बावजूद इसके इन दिनों सिर्फ 6 घंटे ही घरेलु बिजली दी जा रही है। गर्मी के चलते ग्रामीणों को भारी परेशानी झेलनी पड रही है। इसी तरह, जल हुए ट्रांसफार्मर को सरकार ने 24 घंटे में बदलने का वायदा किया था, उन्हे 10 दिनों में भी बदला नही जाता है। जिससे आमजन में सरकार के प्रति नाराजगी देखी जा रही है।
भाकिसं के संभाग सदस्य हरीसिंह देवल ने बताया कि तीनों मुख्य मांगों को 28 मई तक निस्तारण नही किया गया तो उसी दिन से धरना विरोध शुरू कर दिया जाएगा। उन्होने तारबंदी योजना में वृक्षों को नही हटाने की शर्त डालनी चाहिण् तकि पर्यावरण को नुकसान नही हो सके। मनरेगा योजना में अत्यधिक वृक्षारोपण की ओर ध्यान देना चाहिए ताकि प्रकृति का संतुलन हो सके।
इस मौके पर सैणीदान केर सामाजिक प्रमुख, राणसिंह मेडा सहकारिता प्रमुख, उकसिंह डूंगरी तहसील अध्यक्ष रानीवाड़ा, प्रताप सिंह देवड़ा उपाध्यक्ष, अर्जुनसिंह डूंगरी सह मंत्री, चोथाराम उपाध्यक्ष, कृष्णकुमार युवा प्रमुख, रतनपुर, मफाराम हीरपुरा, दरगाराम मेडा, अमरसिंह, लाखाराम, हंसाराम, प्रेमाराम धानोल तहसील मंत्री, करमीराम सहित कई किसान मौजूद रहे।