जालोर 5 जुलाई। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार व निदेशालय महिला अधिकारिता विभाग के निर्देशानुसार मिशन शक्ति योजना में “हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वूमन” के अंर्तगत 21 जून से 4 अक्टूबर तक चलाए जा रहे विशेष जागरूकता अभियान के तहत शुक्रवार को महिला अधिकारिता विभाग एवं अजीज प्रेमजी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में जालोर शहर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की एक दिवसीय क्षमतावर्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया ।
कार्यशाला में जिला हब एंपावरमेंट ऑफ वूमन से जेंडर स्पेशलिस्ट द्रौपदी भण्डारी ने कहा कि महिलाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने तथा उनके स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार एवं विभाग द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने इन्दिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के विषय में जानकारी देते हुए ऋण आवेदन की प्रक्रिया एवं अनुदान के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना से लोगो को उद्यम स्थापित करने में सहयोग मिलेगा।
उन्होंने भारतीय न्याय संहिता के तहत सरकार द्वारा बनाए गए नवीन कानूनों के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि ये तीनों कानून न्याय, पारदर्शिता और निष्पक्षता पर आधारित हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य जनता को शीघ्र न्याय दिलाना है। कार्यशाला में महिला हित के लिए बनाए गए कानूनों पर चर्चा की गई।
परामर्शदाता तरुणा दवे ने पीसीपीएनडीटी एक्ट, महिलाओं एवं बालिकाओं से सम्बंधित विभागीय योजनाओं, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मुख्यमंत्री राजश्री योजना साथ ही महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि यह केंद्र महिलाओं के खिलाफ हिंसा को दूर करने और उन्हें अपने जीवन पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए काम करता है।
कार्यशाला में फाउंडेशन रिसोर्स पर्सन दीपक यादव ने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण के माध्यम से नव प्रवेशित बच्चों को केंद्र में समायोजित करने तथा स्वतंत्र और निर्देशित खेलों की गतिविधियों से अवगत करवाया गया।
फाउंडेशन के रिसोर्स पर्सन गिरिश द्वारा विभिन्न खेल गतिविधियों जैसे गीली मिट्टी से खिलौने बनाना, गत्ते में अलग-अलग आकृति काट कर खांचे बनाना एवं आकृतियों को उसमें फिट करना, डिब्बे में अलग-अलग चीजें भरना एवं उसमें से छांटना, माचिस को जोड़ कर रेल गाड़ी बनाना एवं टावर बनाना आदि सिखाया गया । कार्यशाला में 22 कार्यक्रताओं ने भाग लिया।