जोधपुर, 03 अक्टूबर, 2024
एम्स जोधपुर के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग ने राजस्थान में पहली बार एक बड़े भोजन नली के लिपोमा का एंडोस्कोपिक रूप से सफल उपचार किया है। यह प्रक्रिया, जिसे सबम्यूकोसल टनेलिंग एंडोस्कोपिक रिसेक्शन (STER) कहा जाता है, पारंपरिक सर्जरी का एक न्यूनतम आक्रामक विकल्प है। यह प्रक्रिया 65 वर्षीय महिला पर की गई, जो पिछले दो वर्षों से ठोस भोजन निगलने में कठिनाई (डिस्फेगिया) से पीड़ित थीं।
जांच में पाया गया कि मरीज के भोजन नली में लगभग 9 सेमी का लिपोमा था, जो भोजन निगलने में बाधा डाल रहा था। आमतौर पर, ऐसी स्थिति में जटिल थोराकोस्कोपिक सर्जरी की आवश्यकता होती है, जिसमें छाती को खोलकर भोजन नली तक पहुंचा जाता है। हालांकि, एम्स जोधपुर की कुशल टीम ने इस गांठ को एंडोस्कोपिक रूप से हटाने में सफलता प्राप्त की, जिससे मरीज को बड़ी सर्जरी से बचाया जा सका।
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशीष अग्रवाल और डॉ. छगन लाल बिरदा ने बताया, “हमने सबम्यूकोसल टनेलिंग एंडोस्कोपिक रिसेक्शन करके एक बड़ी सर्जरी से बचाते हुए मरीज को कम आक्रामक और कम जोखिम वाली प्रक्रिया प्रदान की। यह राजस्थान में अपनी तरह की पहली प्रक्रिया है और यह हमारे केंद्र की जटिल एंडोस्कोपिक सर्जिकल प्रक्रियाओं को अंजाम देने की क्षमता को दर्शाता है।”
यह सफल प्रक्रिया एम्स जोधपुर की अत्याधुनिक उपचार विधियों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। राज्य के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में से एक होने के नाते, एम्स जोधपुर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी क्षेत्र में अत्यधिक उन्नत, न्यूनतम आक्रामक एंडोस्कोपिक सर्जिकल तकनीकों के माध्यम से मरीजों को उच्चतम स्तर की स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है। राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों के मरीज अब यहां विश्व स्तरीय उपचार प्राप्त कर सकते हैं।