एक गर्भवती महिला को सिरोही के सबसे बड़े हॉस्पिटल में 24 घंटे भर्ती रखने के बाद बोला सिजेरियन ऑपरेशन डॉक्टर एस एस भाटी ने करवाई नॉर्मल डिलीवरी
करोटी स्थित श्री रामदेव हॉस्पिटल में कार्यरत नॉर्मल डिलीवरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर एस एस भाटी ने सिर्फ हाई रिस्क डिलीवरी केसों की नॉर्मल डिलीवरी करवाने में पारंगत है अपितु अपने 28 सालो की चिकित्सा सेवाओं में सैकड़ों आर्थिक स्थिति से कमजोर और गरीब मरीजों का पूर्ण इलाज मुफ्त में कर अपनी दरियादिली का परिचय दिया है। जिसकी बदौलत पूरे संभाग के लोग उन्हें गरीबों का मसीहा कह कर संबोधित करते है।
गर्भवती महिला को 24 घंटे तक सिरोही के सबसे बड़े हॉस्पिटल में भर्ती रखा अंततः बोला सिजेरियन ऑपरेशन परिजन पहुंचे। करोटी श्री रामदेव हॉस्पिटल डॉक्टर एस एस भाटी ने करवाई नॉर्मल डिलीवरी
श्रीमती प्रमोद कंवर पत्नी रणजीत सिंह चारण निवासी पातुंबरी (स्वरूपगंज) को डिलीवरी का दर्द होने पर परिजन सिरोही के सबसे बड़े हॉस्पिटल पहुंचे। जहां 24 घंटे तक भर्ती रहने के बाद भी नॉर्मल डिलीवरी नहीं हुई तो वहां के डॉक्टर ने सिजेरियन ऑपरेशन करना अनिवार्य बताया अन्यथा मां और बच्चे दोनो की जान का जोखिम बताया। ये सुन परिजन घबरा गए और वहां से छुट्टी लेकर तुरंत प्रभाव से करोटी स्थित श्री रामदेव हॉस्पिटल पहुंच डॉक्टर एस एस भाटी से मिले। डॉक्टर एस एस भाटी ने परिजनों को नॉर्मल डिलीवरी करवाने का पूर्ण आश्वासन दिया और कुछ ही समय में सुरक्षित नॉर्मल डिलीवरी करवाई। जच्चा बच्चा दोनो को सुरक्षित देख परिजनों ने डॉक्टर एस एस भाटी का दिल की गहराइयों से आभार व्यक्त किया।
डॉक्टर एस एस भाटी ने आर्थिक स्थिति से कमजोर एक गर्भवती महिला की मुफ्त में डिलीवरी करवाकर दिया मानवता का परिचय
श्रीमती पिंकी देवी पत्नी संजय व्यास निवासी रोहिड़ा (पिंडवाड़ा) हाल निवासी सिरोड़ी के डिलीवरी का दर्द होने पर परिजन करोटी स्थित श्री रामदेव हॉस्पिटल पहुंचे और डॉक्टर एस एस भाटी से मिले और अपनी आर्थिक स्थिति सुनाई डॉक्टर एस एस भाटी ने गर्भवती महिला को पूर्ण आश्वस्त किया और मुफ्त में बिना चीरा बिना टांका के नॉर्मल डिलीवरी करवाकर परिजनों को राहत प्रदान की। डॉक्टर एस एस भाटी के साथ ही उनके स्टाफ ने भी अपनी इच्छा अनुसार किसी ने दवाई के तो किसी ने खाने के तो किसी ने गाड़ी का किराया दे कर गरीब ब्राह्मण परिवार की मदद की। टीम में स्टाफ खुशवीर सिंह दांतराई, कुलदीप महेचा हरजी, उज्जवल देवड़ा, दिग्विजय सिंह निंबोड़ा, जयंतीलाल कोली दोलपुरा व गोपाल देवासी बावली मौजूद रहे।