मोदी जी के जन्मदिवस पर नामीबिया से 8 चीते भारत लाकर मध्य प्रदेश के कुनो अभ्यारण में छोड़ने के पश्चात उनके भोजन हेतु करीब 180 हिरण लाकर उनके भोजन के लिए छोड़े जा रहे हैं। जो निंदनीय हैं । इसी संदर्भ में बिश्नोई समाज के लोगों ने आज जिला कलेक्टर अहमदाबाद में प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देकर हिरण प्राणियों को जीवन दान देने की गुहार लगाई।
बिश्नोई समाज में हिरणों को बच्चों का दर्जा है। समाज के बच्चों को इस तरह मरते नहीं देख सकते। इस जीव हत्या के विरोध में बिश्नोई समाज और पूरे 36 कोम में भारी रोष है। समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया। तो पूरे भारतवर्ष में आंदोलन होगा। बिश्नोई समाज प्रकृति प्रेमी है। आज के ही दिन 21 सितंबर 1730 को खेजडली गांव के खेजड़ी के पेड़ के लिए 363 नर नारी शहीद हुवे थे। वो विश्व में एक मात्र उदाहरण है। बिश्नोई समाज पेड़ ,जीव जंतु ,से अद्भुत प्रेम करते है। इस चीता प्रोजेक्ट का हिरण हत्या के कारण घोर विरुद्ध करते है। इस विरुद्ध में आज श्री बिश्नोई समाज ट्रस्ट अहमदाबाद व अखिल भारतीय बिश्नोई जीव रक्षा सभा के नेतृत्व में कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया।
इस मौके पर भेराराम गोदारा अध्यक्ष बिश्नोई सेवा ट्रस्ट अहमदाबाद, जय किशन गोदारा अध्यक्ष जीव रक्षा गुजरात, मांगीलाल खिलेरी जिला परिषद सदस्य, देवेंद्र लोमरोड, बाबूलाल खिलेरी, गोपीलाल खिलेरी, मनोहर गोदारा सेवाड़ा, भगवाना राम कुराडा अरनाय, ओमप्रकाश साऊ रनोदर, भैराराम गिला, जगदीश साहू, भेराराम कावा, बंसीलाल लोमरोड, विजय राज सारण, भागीरथ सारण, बीरबल मांजू, मांगीलाल एचरा, भागीरथ सेवर, सरवण पुरोहित, रमेश साहू, लादूराम विडारा, भागीरथ सारण, हरीश गोदारा, मानाराम जानी, मांगीलाल बांगरवा, नरेश खिलेरी, कैलाश भादू, भागीरथ गोदारा, सरवन बेनीवाल, गोपाल गोदारा, राजू गोदारा, प्रकाश बांगडवा, पूनमाराम गोदारा समाज के सैकड़ों लोग उपस्थित थे।