जयपुर। 15वीं विधानसभा के छठे सत्र में शुक्रवार दिनांक 12 फरवरी, 2021 को आयोजित बैठक में राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद में भाग लेते हुए रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल ने कहा कि राज्य सरकार ने 6 महिने में ही 45 हजार करोड़ से ज्यादा का ऋण ले लिया, परन्तु विकास कुछ नहीं हुआ। प्रदेश पर आज की तारीख में कुल कर्जा 3 लाख 79 हजार करोड़ से ज्यादा हो चुका है। कर्जा लेने के मामले में राजस्थान पूरे देश में दूसरे नम्बर पर है। जब हमारे प्रदेश में 3 मार्च 2020 को कोरोना का पहला केस मिला था, तो हमारे प्रतिपक्ष के नेता व उपनेता दोनों ने कहा था कि हम इस महामारी में सरकार के साथ खड़े हैं, परन्तु सरकार ने राजस्थान के प्रवासियों को, जो देश के अलग-अलग राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडू, तेलंगाना, केरल आदि में काम-धन्धों, व्यापार और नौकरी की वजह से रह रहे थे। वहां पर भी सब कुछ बन्द हो गया था। खाने पीने तक की परेशानी हो गई थी। लेकिन इस कांग्रेस की सरकार ने प्रवासियों को लाने की कोई व्यवस्था नहीं की। उत्तर प्रदेश में भेजने के लिए इनके पास 1 हजार बसें थी, लेकिन देश के दूसरे राज्यों में रह रहे राजस्थान के लोगों को लाने के लिए इनके पास कोई बस नहीं थी। ज
ब जनप्रतिनिधियों ने सरकार पर दबाव बनाया तो सरकार ने एक नम्बर दिया कि इस पर रजिस्टेªशन कराओ, परन्तु वो नम्बर या तो लगता ही नहीं था या 2-2 दिन तक व्यस्त आता था। इसी तरह आईएएस और आईपीएस अफसरों के नम्बर दे दिये, लेकिन वो फोन नहीं उठाते थे। सरकार प्रवासियों को लाना ही नहीं चाहती थी। क्यांेकि सरकार ये अच्छी तरह से जानती थी कि प्रवासी हमारा वोट बैंक नहीं हैं। वो भाजपा को वोट देते हैं। हमने अपने स्तर से प्रयास करके जितनी हम प्रवासियों की मदद कर सकते थे, हमने की।
देवल ने कहा कि सरकार ने कोरोना काल में नारा दिया कि कोई भूखा ना सोये।
मैं पूछना चाहता हूँ इस सदन के माध्यम से सरकार से कि आपने कितने लोगों को राशन सामग्री के किट बांटे। मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ हमारे प्रदेश के भामाशाहों, स्वयंसेवी संगठनों, साधु-संतो, मंदिर ट्रस्टों, धर्मगुरूओं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों और हमारी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का जिन्होंने कोरोना काल में घर-घर जाकर लोगों की मदद की, उनको राशन सामग्री बांटी। किसी को भूखा नहीं सोने दिया।
मैं केन्द्र सरकार का भी आभार प्रकट करना चाहूंगा कि हमारे प्रधानमंत्री जी ने कोरोना काल में नवम्बर, 2020 तक प्रत्येक परिवार को 5 किलो गेंहू और 1 किलो चने की दाल देने के साथ-साथ 500 रूपये उनके बैंक खाते में हर महिने डाले। कोरोना काल में राज्य सरकार ने भामशाह योजना को भी बन्द कर दिया।
कोरोना से लड़ाई में भारत सरकार की संयुक्त राष्ट्र संघ से लेकर पूरी दुनिया ने तारीफ की। लेकिन कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी ने इसमें भी केन्द्र सरकार की बुराई की। मैं धन्यवाद देना चाहूंगा हमारे देश के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का जिन्होंने इतने कम समय में ही कोरोना की सबसे बेहतरीन वैक्सीन बनाकर पूरे विश्व के करीब 13 देशों में भारत सप्लाई कर रहा है। मैं प्रधानमंत्री जी और वित्त मंत्री जी श्रीमती निर्मला सीतारमण जी का भी धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने केन्द्रीय बजट में वैक्सीनेशन के लिए 45 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। लेकिन फिर भी प्रदेश सरकार ने राज्यपाल के अभिभाषण में केन्द्र सरकार को धन्यवाद का एक शब्द भी नहीं कहा है।
महामहिम राज्यपाल अभिभाषण के बिन्दू संख्या 11 में लिखा है कि कोरोना वॉरियर्स चाहे वो कोई सरकारी कर्मचारी हो या संविदाकर्मी। अगर ड्यूटी के दौरान उसकी मृत्यु होती है, तो उसको 50 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। मेरे विधानसभा क्षेत्र रानीवाड़ा के गांव सरनाउ निवासी और ग्राम पंचायत सरनाउ के ही पंचायत सहायक श्री मांगीलाल पुत्र हरिराम विश्नोई की 16 अक्टूबर, 2020 को कोरोना पॉजिटिव होने से मृत्यु हो गई थी। लेकिन उनके परिवार को आज तक एक रूपये की भी आर्थिक सहायता नहीं मिली है। इसलिए मैं सरकार से निवेदन करना चाहूंगा कि उसके परिवार को तत्काल 50 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाये और परिवार के एक व्यक्ति को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाये।
ये सरकार किसानों की हितैषी बनती है और आज राहुल गांधी राजस्थान भी आये हुए हैं, तो वो ये बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान आपने वादा किया था कि 1,2,3,4,……10, 10 दिनों में राजस्थान के किसानों को पूरा कर्जा माफ कर दिया जाये, गिनके रखलो। तो कृपा करके कल दिल्ली जाने से पहले अपनी सरकार को ये कह कर जायें कि किसानों का कर्जा माफ करो। क्योंकि आज भी 2 लाख 50 हजार किसान कर्जमाफी का इन्तजार कर रहे हैं। किसानों को लोन नहीं मिल रहा है। टिड्डी आई थी, उस समय सरकार ने कहा था कि किसान अपने स्तर से टैªक्टर, दवाई की व्यवस्था कर लें, उनको भुगतान कर दिया जायेगा। आज तक किसी को भी एक रूपये का भुगतान नहीं किया गया है।
नई ग्राम पंचायतें और पंचायत समितियां बना दी। मेरे भी क्षेत्र में सरनाउ पंचायत समिति बनी है। लेकिन आज तक ना तो उसके लिए कोई भवन की व्यवस्था की है। ना ही कोई विकास अधिकारी या स्टाफ लगाया है और ना ही टेण्डर आदि करने के लिए वित्त विभाग से आई.डी. जारी की गई है। तो ऐसे फालतू ही पुनर्गठन करने का क्या औचित्य है।
आपने पूरे 5 साल बिजली की दर नहीं बढ़ाने का वादा किया था। लेकिन अभी 2 साल में ही बिजली इतनी महंगी कर दी कि आज पूरे देश में सबसे महंगी बिजली राजस्थान में मिल रही है। हमारे यहां 13 रूपये 34 पैसे प्रति यूनिट बिजली मिल रही है। किसानों को दिन में बिजली देने की बात कही थी, उसमें जालोर जिला भी शामिल था। मैं पूछना चाहता हूं कि जालोर के किस गांव में किसानों को दिन में बिजली मिल रही है। जरा एक गांव बता दें। किसानों को ट्रांसफार्मर भी 10-10 दिन में मिल रहे हैं। मेरे यहां आईटीआई बनी हुई है जसवन्तपुरा में उसको चालू नहीं किया जा रहा है। रानीवाड़ा कॉलेज के लिए 6 करोड़ रूपये की भवन निर्माण की स्वीकृति जारी नहीं की जा रही है। सड़कों की तो हालत ऐसी हो रखी है कि वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी भारी हो गया है।
इसलिए मैं सदन के माध्यम से सरकार से कहना चाहूंगा कि इन सब बिन्दुओं पर गौर करे और इनको पूरा करने की स्वीकृतियां जारी करें।