खेतों की तबाही को देखने अभी तक पटवारी से कलक्टर तक कोई जीरो ग्राउंड पर नही पहुंचा है। ऐसे में स्थानीय सरपंचों में दो इंजन वाली सरकारों से खासी नाराजगी देखी जा रही है।
रानीवाड़ा तहसील क्षेत्र में बेमौसम की बरसात के बार बार होने से खेतों में तबाही का मंजर देखा जा रहा है। किसान अपने परिवार के साथ खेतों में शोक मना रहे है। दूसरी ओर, राज्य सरकार के नुमाइंदे और केन्द्र सरकार की बीमा कंपनियों के अधिकारी अपने कार्यालयों में मदमस्त है। खेतों की तबाही को देखने अभी तक पटवारी से कलक्टर तक कोई जीरो ग्राउंड पर नही पहुंचा है। ऐसे में स्थानीय सरपंचों में दो इंजन वाली सरकारों से खासी नाराजगी देखी जा रही है।
बता देते है कि पखवाड़े में दूसरी बार आज शनिवार को रानीवाड़ा तहसील क्षेत्र में बेमौसम की बरसात से खेतों में भारी नुकसान हुआ है। खासकर जीरा और इसबगोल की फसल शत प्रतिशत नष्ट हो गई है। ऐसे में सरपंच संघ के ब्लॉक अध्यक्ष एड़़वोकेट जबराराम पुरोहित ने आज मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपखंड अधिकारी की गैर मौजूदगी में नायब तहसीलदार कालुराम को सौपा है।
पुरोहित ने बताया कि 21 फरवरी को बेमौसमी बारीश से किसानों के खेतों में कटी हुई व खड़ी फसलों को काफी नुकसान हुआ था। किसानों की ओर से बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बरों पर शिकायत दर्ज करवाने के बावजूद न तो कोई सर्वे हुआ और न ही प्रभावित क्षेत्र की मौके पर जाकर राजस्व कार्मिकों की ओर से गिरदावरी की गयी हैं। केवल कागजी कार्यवाही हो रही हैं, वास्तविक नुकसान को रिकोर्ड पर नहीं लिया गया है।
आजोदर सरपंच विकास सोलंकी किसान मायुस है, किसानों ने अपने गाढ़े पसीने से फसल उगाकर काफी पैसा भी फसल में लगाया था, परन्तु बेमौसमी बरसात ने किसानों की अपेक्षाओं पर पानी फेर दिया। ऋणी किसानों का फसल बीमा भी किया हुआ हैं, परन्तु समय पर शिकायतों के बावजूद सर्वे नहीं होने और शिकायतों का सत्यापन का समय 14 दिन निर्धारित होने के बावजूद आज शनिवार को पुनः बेमौसमी बारीश से किसानों की बची हुई फसल भी चौपट हो गयी है।
जीरा और इसब की खेतों में खडी खलिहानों में काट कर रखी हुई फसलों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसी स्थिति में बीमा कम्पनियों और राजस्व कार्मिकों से मौके पर प्रत्येक खेत में जाकर गिरदावरी करने और नुकसानी का सर्वे करवा कर प्रभावित किसानों को बीमा क्लेम या मुआवजा दिलवाया जाने कह जरूरत है। किसानों को समय पर राहत नही देने पर मजबूरन आंदोलन पर उतरने की चेतावनी भी सरपंचों की ओर से दी गई है।