सिरोही। पंचायतीराज राज्यमंत्री के निर्देश पर नगर परिषद प्रशासन की ओर से राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत लाईसेंसधारी वेंडरों को पैलेस रोड से हटाकर नो वेंडिंग जोन में भेज उनकी रोजीरोटी के साथ खिलवाड करने पर पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने एतराज जताते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्ट्रीट वेंडरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए की गई व्यवस्था की अनदेखी बताया है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार नगर पारिषद प्रशासन ने गत दिनों पैलेस रोड पर राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और दीनदयाल अन्त्योदय योजना के तहत लाईसेंसधारी वैंडरों को वहां से हटाकर अपनी मर्जी से नो वेंडिग जोन में तय किए गए स्थानों की तरफ भेज दिया गया था। जिससे इन वेंडरों की रोजीरोटी पर खासा असर पडा है। मामले को लेकर सिरोही के स्ट्रीट वेंडरों ने शुक्रवार को यहां नगर कांग्रेस कार्यालय में पूर्व विधायक संयम लोढ़ा से मुलाकात कर अपनी वेदना बताई।
इन स्ट्रीट वेंडरों ने पूर्व विधायक को बताया कि नगर परिषद आयुक्त ने उनकी सहमति के बिना ही नो वेंडर जोन में स्थान का चयन करते हुए उन्हें वहां भेज दिया है। उनमें अभी भी कई वेंडर को अभी तक वहां स्थान नहीं मिला है। इन वेंडरों ने पूर्व विधायक को बताया कि नगर परिषद की ओर से जिस स्थान का चयन किया है वह रोजगार के हिसाब से उचित नहीं है। वहां ग्राहकों भी नहीं आते है। ऐसे में उनके सामने रोजीरोटी का गंभीर संकट खडा हो गया है।
पूर्व विधायक लोढा ने इस पर कडा एतराज जताते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने वेंडिग और नो वेंडिग जोन का कान्सेप्ट इसलिए दिया था कि स्ट्रीट वेंडर को प्रोटक्शन दिया जा सके। लेकिन खेद का विषय है कि पंचायतीराज राज्यमंत्री ओटाराम देवासी के निर्देश पर नगर परिषद प्रशासन ने वेंडर्स के प्रतिनिधि को विश्वास में लिए बिना दर्जनों वेंडर्स को सडक पर लाकर खडा कर दिया है। अभी उन्हें जो स्थान दिया गया है वह भी नो वेंडिग जोन है।
मामले को लेकर पूर्व विधायक ने इस कार्रवाई पर एतराज जताते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से हस्तक्षेप कर इन साधारण और प्रतिदिन अपना रोजगार अर्जित कर अपना और अपने परिवार का पेट भरने वाले स्ट्रीट वेंडरों को पुन: उसी स्थान पर खड़ा रखवाने के आदेश प्रदान करने का आग्रह किया है।