भीनमाल। नर्मदा नीर संघर्ष समिति की बैठक गुरूवार को स्थानीय भगवान वाराहश्याम मंदिर संत्सग भवन में आयोजित हुई। बैठक में नर्मदा संघर्ष समिति के सेवादार एवं मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य मोहनसिंह सिसोदिया ने बताया कि भीनमाल की जनता ने हक के जो सत्रह महीने पहले नर्मदा पेयजल के लिए आंदोलन प्रारंभ किया था, वो अब १८ जनवरी को पूर्णता की ओर अग्रसर हैं।
सिसोदिया ने बताया की शहर के ५० हजार से अधिक लोगों को १८ जनवरी के बाद से पीने के लिए नर्मदा का मीठा शुद्ध पानी मुहैया हो सकेगा। मोहनसिंह सिसोदिया ने बताया की गैर राजनीतिक तरीके से चलाए इस नर्मदा नीर के पूरे आन्दोलन में संघर्ष समिति आम जनता और सरकार के बीच में सेतु का कार्य युवा समाजसेवी श्रवणसिंह राठौड़ ने करते हुए बड़ा सहयोग देकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस वजह से भीनमाल की जनता की ओर चलाया गया। यह आंदोलन अब सफलता की ओर अग्रसर है।
इसमें आंदोलन में राज्य सरकार की ओर से सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष राज्यमंत्री पुखराज पाराशर ने निभाई। पाराशर ने अनवरत प्रयत्न कर भीनमाल की प्यासी जनता के लिए हुए आंदोलन की राह आसान की। सिसोदिया ने बताया कि पांच दिन पहले जालोर जिला कले1टर निशांत जैन, जन अभियोग समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर व नर्मदा संघर्ष समिति के बीच बैठक हुई।
बैठक में पारशर ने बताया कि आगामी १८ जनवरी को भीनमाल में नर्मदा नीर का आगमन होगा। जिसमें राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी व सार्वजनिक निर्माण विभाग के मंत्री भजनलाल जाटव की मौजूदगी में होगा। शेखर व्यास ने कहा कि वर्षों से पीने के पानी का इंतजार कर रही नगर की जनता को प्रदेश की गहलोत सरकार के भागीरथ प्रयासों की वजह से समाधान हो रहा है और राह आसान हो गयी। व्यास ने कहा कि इसलिए उद्घाटन समारोह को बड़े स्तर पर आयोजित करके कार्यक्रम को सफल बनाने की सभी की जिम्मेदारी बनती है।
उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर सभी आमंत्रित लोगों से सुझाव भी मांगे। समाजसेवी राव जोरावरसिंह ने कहा कि आंदोलन में जिन सदस्यों ने तन,मन,धन से सहयोग दिया है उन सभी के आईकार्ड बनाए जाएं।
दिनेश दवे ने बताया कि भीनमाल नगर में उस दिन ऐतिहासिक नीलकंठ महादेव मंदिर जिर्णोद्धार प्रतिष्ठा महोत्सव भी है इसलिए उसको ध्यान में रखते हुए नर्मदा स्वागत कार्यक्रम का समय उसी अनुरूप अलग से निर्धारित हो। कोषाध्यक्ष संजीव माथुर ने बताया कि सभी मन्दिरों में जलाभिषेक के लिए कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएं। इस दौरान ओटसिंह राव, सांवलाराम परमार, सुरेश बोहरा व राजु प्रजापत आदी मौजूद थे।