जसवंतपुरा। (ईश्वर सैन) राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय का दो दिवसीय जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन आदर्श विद्यामंदिर जसवंतपुरा में समारोहपुर्वक सम्पन्न हुआ। अधिवेशन में रानीवाडा विधायक नारायणसिंह देवल, जालौर विधायक जोगेश्वर गर्ग, आहोर विधायक छगनसिंह, राष्ट्रीयकरण राजपुरोहित, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी टीमाराम मेघवाल, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रांतिय पर्यवेक्षक छगनलाल माली एवं भामाशाह शेरसिंह देवल पहाडपुरा, मफतलाल माली कलापुरा, दुर्जनसिंह देवल गजापुरा खास तौर पर मौजूद रहे।
समारोह में जिलंे के विभिन्न उपशाखा के शिक्षकों को संबोधित करते हुये रानीवाडा विधायक नारायणसिंह देवल ने कहा कि राष्ट्रवादी विचारधारा को आमजन तक पहुचाने में शिक्षकों की भूमिका महत्वपुर्ण है। शिक्षक बालकों में संस्कार के साथ चरित्र निर्माण एवं राष्ट्र के लिये जिम्मेदार नागरिक का भाव पैदा करे। अधिवेशन के बौद्धिक सत्र को संबोधित करते हुये राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत कार्यवाह खीमाराम सुथार ने आजादी के अमृत महोत्सव में शिक्षकों से भारत को परम वैभव पर पहुचाने के लिये चाणक्य की तरह कार्य करने की बात कही।
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी टीमाराम मेघवाल ने अपने भाषण में संगठन की शक्ति की प्रशंसा करते हुये हर संभव सहयोग एवं समस्याओं के निराकरण की बात कही। जालौर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने अपने उद्धबोधन में संगठन की रीति नीति एवं कार्यकर्ता निर्माण के संबंध में जानकारी देते हुये कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता है। राष्ट्र के वर्तमान परिस्थितियों मे शिक्षक की भूमिका महत्वपुर्ण है। आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने कहा कि शिक्षक बालक को तराश कर उसे राष्ट्र का जिम्मेदार नागरिक बनाने में महत्वपुर्ण भूमिका निभाऐं।
समारोह में जिलाध्यक्ष गुलाब भाटी, प्रदेश सदस्य दलपतसिंह देवडा, जिलामंत्री शैतानसिंह राजपुरोहित, संगठन मंत्री दीपसिंह देवल, दलपतसिंह उचमत संयोजक बाबूलाल सेन, नवाबखां ने संबोधित किया। समारोह में पुरुस्कृत शिक्षक, सेवानिवृत शिक्षक नवाबखां एवं सदस्यता में श्रेष्ठ कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया। सदस्य संदीप जोशी ने नो बेग डे के सम्बध में शैक्षिक वार्ता की।
संभाग संयुक्त मंत्री अंबिका प्रसाद तिवारी, महासंघ भामस जिलाध्यक्ष देवराज चौधरी, सभाध्यक्ष श्रीराम शर्मा, दलपतसिंह देवल, दलपतसिंह देवडा, नवाबखां, सुरेन्द्रसिंह परमार, देवीसिंह देवल, किशोर रामावत, पदमसिंह, स्वरुपपालसिंह, गणपतलाल नागर, वगताराम, विनोस रिंणवा, अशोक बोहरा, जयंतिलाल, विनोद गोयल, बगाराम प्रजापत, कृष्णकांत बोहरा, अल्का वैष्णव, मीनाक्षी तंवर, छैलसिंह देवल, शेरसिंह देवल, महेन्द्र त्रिवेदी, भानसिंह चौहान, नारायणसिंह, प्रेमसुख राजपुरोहित, शैतानसिंह, हीरजी एम पटेल, हीरसिंह राठौड, कपुरसिंह राजपुरोहित, ठाकराराम चौधरी, भबुताराम चौधरी, कैलाश बाबू सेन, नंदलाल दवे, प्रतापाराम, मालाराम चौधरी, विक्रमसिंह राठौड, पृथ्वीराज चौहान, महेन्द्रसिंह राव, मोहनलाल माली सहित शिक्षक उपस्थित थे। समारोह का मंच संचालन धर्मदान एवं भगवतसिंह राणावत ने किया।