भीनमाल। भीनमाल से मीठी बेरी तक एमडीआर 174 रोड 68 किलोमीटर जिसकी लागत 52 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है। जिसका काम प्रगति पर है। निर्माण कार्य में पूर्णता घटिया किस्म व मापदंडों को छोड़कर घटिया गुणवत्ता सामग्री का इस्तेमाल कर नियमानुसार निर्माण कार्य नहीं करने को लेकर आज भीनमाल, भागलभीम, निंबावास, नोहरा, पुनासा, दांतीवास, फागोतरा, सारीयाणा, जोगाऊ, थोबाऊ, की जागरूक जनता व सामाजिक संगठनों के नेतृत्व में आज सोमवार को भीनमाल उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री व पीडब्लूडी मंत्री सहित जन अभाव निराकरण विभाग के नाम ज्ञापन सौंपा।
जानकारी देते हुए एडवोकेट श्रवण ढाका ने बताया कि उक्त सड़क का निर्माण जो सरासर गलत तरीकों से किया जा रहा है। जिसमें मापदंडों को छोड़कर घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। उक्त रोड़ के दोनों तरफ सड़क बनाने के लिए 50 फीट की सफाई झाड़ी कटिंग की जानी आवश्यक थी। पूर्णता नहीं की गई। केवल नाम मात्र की खानापूर्ति कर निर्माण किया जा रहा है। निर्माण परिधि के बीच में आ रहे विद्युत पोल व खंभों को भी नहीं हटाया गया है। जिससे आवागमन के समय ग्रामीणों को हादसा होने की आशंका है।
उक्त सड़क के दोनों तरफ जो प्रस्तावित सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए सड़क के दोनों ओर से खुदाई कर मूंगिया से भरा जाना था जबकि उक्त जगह मेसेनरी पत्थर डालकर स्तर हीन गुणवत्ता सडक रोड का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जो जल्द ही जंजर होने की संभावना है। उक्त सड़क का निर्माण समतलीय करने के बजाय मौके पर गड्ढे थे वहां गड्ढे हैं। तथा जहां धोरा था वहां धोरा है जबकि नियमानुसार सड़क को धोरे को काटकर गड्ढा भरना तथा पूर्व से समतलीकरण करना प्रस्तावित है। यदि सड़क को लेवल में नहीं किया गया तो बारिश के समय पानी का भराव होगा। जिससे सड़क जल्दी टूट जाएगी।
उक्त सड़क के ठेकेदार द्वारा मिलीभगती कर पुरानी बनी कच्ची रोड पर ही कंकर पत्थर डालकर एवं अनउपयोगी सामग्री डालकर व अनुपयोगी वस्तु डालकर सड़क का दूषित तरीके से निर्माण किया जा रहा है। जो सरासर गलत है जबकि नियमानुसार पुरानी सड़क को तोड़कर एक लेवल में लेकर उसके ऊपर 60/40 एमएम क्रेसर गिट्टी (ब्लेक टुकड़ी) डालकर नई सड़क का निर्माण किया जाने का प्रावधान है। जबकि हाथों से बाड़ू पत्थर मात्र की टुकड़े डाले जा रहे हैं। जिसका कालांतर में जल्द ही रूण-शुण आने की संभावना है। टिकने की बिल्कुल आशंका नहीं है।
उक्त सड़क निर्माण से पूर्व संवेदक द्वारा एक डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाता है। जिसके ऊपर कितनी लागत कितनी दूरी कौन सी सामग्री का उपयोग होगा। संबंधित अधिकारी व ठेकेदार के मोबाइल नंबर इत्यादि विवरण होता है। जबकि मौके पर किसी भी प्रकार का बोर्ड लगा हुआ नहीं है। इन सभी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें प्रशासन को 2 दिन का समय दिया गया। अगर 2 दिन के अंदर निर्माण कार्य में सुधार नहीं हुआ तो ग्रामीणों द्वारा मौके पर कार्य रुकवाया जाएगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
इस अवसर पर एडवोकेट श्रवण ढाका, मानाराम पालरिया जोगाऊ, ओमप्रकाश तेतरवाल, राजुराम मांजू, किशनाराम जाणी वार्ड पंच, ओमप्रकाश ढाका, घेवर बिश्नोई, अर्जुन पुरोहित, जैसा राम देवासी, नरिगाराम मेघवाल, दिनेश पुरोहित, फुलाराम पुरोहित, सांवलाराम पुरोहित, धौलाराम गौदारा, हरदान जाणी, गोपी किशन पालडिया, लादुराम सारण, रामकिशन सारण, जगदिश सारण, वेहनाराम देवासी, राजपालसिंह पुनासा, रामलाल बिश्नोई जोगाऊ, सोनाराम बिश्नोई, बाबुलाल सियाग, सहित कई ग्रामीण जन मौजूद थे।