रानीवाड़ा। 15वीं विधानसभा के अष्टम सत्र की बुधवार दिनांक 19.07.2023 को आहूत बैठक में राजस्थान सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल ने कहा कि सरकार जो ये संशोधन विधेयक लेकर आई है इससे रजिस्ट्रार के पास असीमित शक्तियां आ जाएंगी। चूंकि रजिस्ट्रार सरकारी अधिकारी होता है तो निश्चित रूप से सरकार के दबाव में काम करेगा, जिससे सहकारी संस्थाओं की स्वायत्तता और सहकार की भावना प्रभावित होगी। वर्तमान परिपेक्ष में सहकारी संस्थाओं में राजनीतिक हस्तक्षेप इतना बढ़ गया है कि अगर किसी सोसायटी का अध्यक्ष या सदस्य विपक्षी दल समर्थित व्यक्ति होगा तो उस सोसायटी अध्यक्ष या सदस्य को सरकार रजिस्ट्रार को प्रदत्त शक्तियों के जरिए प्रताडित करने का काम करेगी, जो किसी भी तरह से सहकारी संस्थाओं के लिए उचित नहीं होगा।
देवल ने कहा कि ये भी सच है कि कुछ सहकारी संस्थाऐं जिनमें गृह निर्माण सहकारी समितियां प्रमुख रूप से शामिल हैं, वो अनैतिक लाभ के उद्देश्य से आमजन के साथ विश्वासघात कर रही हैं। एक ही भूखण्ड के बैकडेट में 4-4 व्यक्तियों को पट्टे काट कर दे रही हैं, ऐसी संस्थाओं के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए, उनका रिकॉर्ड, संपति और दस्तोवजों को जब्त किया जाकर उनकी जांच भी करवाई जानी चाहिए, लेकिन इस संशोधन विधेयक की आड में कोई अनुचित कार्य रजिस्ट्रार के पद का दुरूपयोग करते हुए नहीं हो, यह भी सुनिश्चित होना चाहिए। फर्जी लोन बांटकर किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाली ग्राम सेवा सहकारी समितियों के अध्यक्ष और व्यवस्थापकों के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए और उनके द्वारा गबन की गई करोड़ों रूपयों की राशि की वसूली भी होनी चाहिए। लेकिन इस सरकार में ये सब करने की ना तो हिम्मत है और ना ही इच्छाशक्ति।
अनेकों बार समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित होने के बावजूद अभी तक किसी भी सोसायटी अध्यक्ष या व्यवस्थापक के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की गई, यहां तक की भरतपुर में तो रिकॉर्ड ही जलाकर नष्ट कर दिए गए ताकि जांच में कुछ पता ही नहीं चल सके। इस सरकार ने भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। चाहे वो सोसायटियों का भ्रष्टाचार हो, चाहे वो अधिकारी-कर्मचारियों के रिश्वत लेते हुए टैªप होने के बावजूद संबंधित विभागों से अभियोजन स्वीकृति नहीं देना हो या फिर राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों, कर्मचारियों और उनके दलालों द्वारा भर्ती परीक्षाओं के पास कराने के नाम और पेपर बेचने के नाम पर ली गई मोटी रकम के बावजूद उनको बचाने का काम हो।
इस सरकार ने भ्रष्टाचार को ही अपना शिष्टाचार बना लिया है। मैंने इसी सत्र के प्रथम चरण में मेरे विधानसभा क्षेत्र रानीवाडा की ग्राम सेवा सहकारी समिति करवाड़ा के ऋणी 654 किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2022 से वंचित होने का मामला उठाया था जिसमें मंत्री जी ने अपने जवाब में सदन में स्वीकार किया था कि करवाडा सोसायटी के किसानों को फसल बीमा से वंचित करने में सोसायटी अध्यक्ष और सहायक व्यवस्थापक दोषी हैं। मंत्री जी ने सदन में मुझे आश्वस्त किया था कि दोषी अध्यक्ष और सहायक व्यवस्थापक के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। सहायक व्यवस्थापक के विरूद्ध तो त्वरित कार्यवाही करते हुए उसकी सेवाएं समाप्त कर दी लेकिन अध्यक्ष को आज तक नहीं हटाया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और ये दर्शाता है कि सोसायटियों में बढ़ता राजनीतिक हस्तक्षेप ही भ्रष्टाचार का जनक है तो फिर इसकी क्या गारंटी है कि रजिस्ट्रार के जरिए राजनीतिक द्वेषतापूर्ण कार्यवही नहीं होगी। इसलिए मैं इसका विधेयक को जनमत जानने के लिए 6 माह तक परिचालित किए जाने का प्रस्ताव करता हूँ।