प्रधान, सरपंच, जिला प्रमुख की तरह मानदेय और अधिकार देने की हुई मांग
रानीवाड़ा। पंचायत समिति सदस्यों को प्रधान और सरपंच की तरह अधिकार दिलाने की मांग को लेकर सरनाऊ पंचायत समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन रानीवाड़ा तहसीलदार रामलाल चौधरी को सौंपा। इसी तरह के ज्ञापन सभी पंचायत समितियों के सदस्य अपने क्षेत्रों से सौंप रहे है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सहानुभूतिपूर्वक विचार कर अधिकार देने की मांग की है।
पंचायत समिति सदस्य सांवरीदेवी परसराम ढ़ाका ने बताया कि प्रधान के मतदान के बाद डेलिगेट का महत्व व औचित्य शून्य हो जाता है। पंचायत समिति सदस्य को अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास एवं मतदाताओं को किसी भी प्रकार की सुविधाएं प्रदान करने का अधिकार भी नही है। पंचायत समिति सदस्यों को किसी भी प्रकार के प्रशासनिक व वित्तिय अधिकार मिले हुए नहीं है। वो मात्र पंचायत समिति की साधारण सभा की कोरम पूर्ति करने के संसाधन मात्र होते है। बैठक भी 6 माह में एक बार होती है, जबकि पंचायत समिति सदस्य का निर्वाचन क्षेत्र सरपंच से भी बड़ा होता है।
क्या है प्रमुख मांगें
सरपंच, प्रधान और जिला प्रमुख की भांति, पंचायत समिति सदस्यों को भी प्रशासनिक अधिकार, निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिये केंद्र व राज्यों से प्राप्त अनुदान राशि में से पंचायत समिति सदस्य को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने निर्वाचित क्षेत्र में विकास करवाने के लिए निर्धारित अनुपात में राशि उपलब्ध करवाई जाए। पंचायत समिति मद से विकास कार्य स्वीकृत करवाने के लिए संबधित ग्राम पंचायत के सरपंच की सहमति की अनिवार्यता को हटाया जाए। स्वायतशासी संस्थाओं के पार्षदों, पंचायतराज संस्थाओं के प्रधान, जिला प्रमुख, और सरपंच की भांति पंचायत समिति सदस्यों को भी मासिक मानदेय न्यूनतम 10 हजार किया जाए। सदस्य के वार्ड में होने वाले प्रत्येक विकास कार्यों के पूर्णतया, उपयोगिता प्रमाण पत्र पर पंचायत समिति सदस्य के हस्ताक्षर अनिवार्य किया जाए। वार्ड क्षेत्र में होने वाले प्रत्येक विकास कार्य की शिलालेख पट्टिका पर सदस्य का नाम अंकित करने की मांग की गई है।
इस मौके पर रहे मौजूद
ज्ञापन देते वक्त सांवरीदेवी ढ़ाका, सुगणीदेवी, सुवटी गोकलाराम बिश्नोई, झमुदेवी लालाराम सेडिया, राजूराम जाणी, पदमादेवी दिनेशकुमार जांगू, गीतांजली पांचला, संेजीदेवी दूदाराम चौधरी, ओखीदेवी लखमाराम नेनोल, पंखीदेवी चौपाराम देवासी, गीतादेवी दुगावा, दिलीपकुमार रमेशकुमार लाछीवाड़, चतरूदेवी ईश्वरलाल दाता, बलवंताराम राणा, सहित कई जने मौजूद रहे।