राजीव गांधी ग्रामीण और शहरी ओलम्पिक खेल प्रतियोगिता का आज मंगलवार दोपहर को राज्य युवा बोर्ड के सदस्य सुनील पुरोहित, प्रधान राघवेन्द्रसिंह और एसडीएम भागीरथ चौधरी की देखरेख में समापन हुआ। विजेता टीमों का निर्णायकों की ओर से चयन करके उनका ईनाम, प्रमाण पत्र और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर पुरोहित ने कहा कि सरकार ने युवाओं को रोजगार देने में अच्छे कार्य किए है। पहलीबार ग्रामीण ओलम्पिक शुरू कर सेहत सुधारने का बेहतरीन कार्य करने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि भारत की प्रतिभाएं गांवों में बसती है। ऐसे में ग्रामीण ओलम्पिक से प्रतिभाओं में निखार जाएगा। प्रधान राघवेन्द्रसिंह देवड़ा ने कहा कि सरकारी स्कूलों के शारीरिक शिक्षकों ने ग्रामीण ओलम्पिक में हीरों के जौहरी का कार्य किया है। अब हीरों यानि ग्रामीण प्रतिभाओं की तलाश पूरी हो चुकी ह ैअब तरासने का कार्य चल रहा है। उन्होंने सरकार के इस प्रयास की तारीफ कर योजना को सफल बताया।
एसडीएम भागीरथ चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्र में आमजन की सेहत के लिए फिक्रमंद है। सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं सहित आमजन के कल्याण के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। जिसका फायदा लेने से किसी को चूकना नही है। उन्होंने पंचायत समिति कार्यालय में महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री मोबाईल योजना में पात्र को लाभ लेने की बात कही।
इस मौके पर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष वरदाराम माली, उपप्रधान महादेवाराम देवासी, तहसीलदार रामलाल चौधरी, सीबीईईओ गजेन्द्र देवासी, विकास अधिकारी नारायणसिंह, प्रधानाचार्य किशनाराम बिश्नोई, नगरपालिका चेयरमैन श्रीमति जेठीदेवी मफाराम राणा, वीडीओ संघ के प्रतिनिधि भाणाराम बोहरा सहित कई जने मौजूद रहे।
यह टीमे रही विजेता
क्बड्डी पुरूष वर्ग में प्रथम जोडवास और द्वितीय मेत्रीवाड़ा, कबड्डी महिला वर्ग में बामनवाड़ा प्रथम, आखराड़ द्वितीय, बॉलीबॉल पुरूष में कोड़का प्रथम और दांतवाड़ा, बॉलीबॉल महिला में जोडवास प्रथम और द्वितीय रतनपुर, फूटबॉल पुरूष में डूंगरी और द्वितीय करड़ा, बॉलीबॉल महिला वर्ग में करवाड़ा प्रथम और धानोल द्वितीय, टेनिस क्रिकेट पुरूष में करवाड़ा प्रथम और रानीवाड़ा खुर्द द्वितीय, टेनिस क्रिकेट महिला में करवाड़ा और द्वितीय कूड़ा, खो-खो महिला में जोडवास प्रथम और द्वितीय दहीपुर, रस्सा कसी महिला में बड़गांव प्रथम और द्वितीय आखराड़, शूटिंग बॉलीबॉल पुरूष में मेत्रीवाड़ा प्रथम और द्वितीय कूड़ा स्थान पर रही।