- देश की जनता अब इनको पहचान गई है। अगर कांग्रेस अपने नेताओं की बदजुबानी पर लगाम नहीं लगायेगी तो निश्चित रूप से एक दिन कांग्रेस पार्टी इतिहास बनकर रह जायेगी।
रानीवाड़ा। लोकसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु को राष्ट्रपत्नि कहे जाने को लेकर रानीवाड़ा विधायक एवं भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण सिंह देवल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस निम्न स्तर की राजनीति पर उतर आई है, इनको केवल गांधी परिवार का ही सम्मान दिखता है, बाकि ये देश के महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट तक का अपमान करने में पीछे नहीं रहते हैं।
देवल ने कहा कि देश के सर्वोच्च सैंवधानिक पद पर पहली बार आसीन आदिवासी समुदाय से आने वाली महिला सेवा, तप, त्याग और संघर्ष की प्रतीक, महिला सशक्तिकरण का समृृद्ध उदाहरण हमारे देश की महामहिम राष्ट्रपति माननीया श्रीमती द्रोपदी मुर्मु जी के लिए केवल अधीर रंजन चौधरी ने ही नहीं बल्कि इनके कई नेताओं ने और कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर द्वारा भी राष्ट्रपति महोदया का अपमान किया गया।
अधीर रंजन चौधरी ने जानबूझकर उनको राष्ट्रपत्नि कहा, वीडियो देखने से स्पष्ट हो रहा है कि उनकी जुबान नहीं फिसली बल्कि अधीर रंजन ने ऐसा जानबूझकर किया है। जिस दिन श्रीमती मुर्मु जी को भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया था उसी दिन से इनके कई नेताओं ने श्रीमती मुर्मु जी को बार-बार अपमानित किया है।
इसी तरह पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोंविद को लेकर भी इनके कई नेताओं ने बयान दिए हैं जो अत्यन्त निदंनीय है फिर भी कांग्रेस ने अपने किसी नेता पर कोई कार्यवाही नहीं की है। इनकी घटिया मानसिकता से पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी आदिवासी और दलितों को लोकतंत्र में मिल रहे सम्मान को पचा नहीं पा रही है क्योंकि कांग्रेस ने आजतक आदिवासियों और दलितों को केवल अपना वोट बैंक समझा है, कभी भी इनको सम्मान देने के लिए कुछ नहीं किया।
देवल ने कहा कि इसी तरह महबूबा मुफ्ती ने पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोंविद जी की विदाई के दिन उन पर टिप्पणी करके बहुत ही अशोभनीय कार्य किया है। बहुत ही अफसोसजनक है कि आदिवासी महिला और दलित राष्ट्रपति के अपमान पर देश के तथाकथित बुद्धिजीवियों की ओर से ना कोई आवाज उठाई गई और ना ही कोई विरोध किया गया जबकि भाजपा या मोदी सरकार की हर छोटी बात पर ये बुद्धिजीवी अपने बिलों से तुरन्त बाहर आकर विरोध करने लगते हैं। देश की जनता अब इनको पहचान गई है। अगर कांग्रेस अपने नेताओं की बदजुबानी पर लगाम नहीं लगायेगी तो निश्चित रूप से एक दिन कांग्रेस पार्टी इतिहास बनकर रह जायेगी।