रानीवाड़ा। क्षेत्र की एकमात्र महिला महाविद्यालय यूआर गर्ल्स कॉलेज में आज महिला आत्मनिर्भरता को कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बड़गांव सरपंच श्रीमति करिश्मासिंह देवड़ा ने गर्ल्स को मोटिवेट किया। इससे पहले, कार्यक्रम की शुरुआत में सरपंच ने मां सरस्वती के समक्ष दीपक प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथि देवो भव की परंपरा को निभाते हुए छात्रा शीला कँवर, अनीता चौधरी और किंजल जोशी ने अतिथि का श्रीफल शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया।
बाद में, प्रियंका व निहारिका ने सरोज देवी का शाल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। सरपंच देवड़ा द्वारा छात्राओं को बताया गया कि वह किस प्रकार अपने जीवन में किसी भी एक गुण को अथवा किसी रचनात्मक कार्य को सीख करके उसमें पारंगत होकर के खुद के लिए एवं परिवार के लिए किस प्रकार सहयोगी बन सकती हैं।
श्रीमती देवड़ा ने छात्राओं को बताते हुए कहा कि छात्राओं के रुचिकर विषय सिलाई कढ़ाई, बुनाई, हैंडीक्राफ्ट किस प्रकार से उनके लिए उपयोगी हो सकता है। किस प्रकार व अपने आने वाले समय को सुधार सकती है। परिवार में रहकर के अपनी परंपराओं को ध्यान में रखते हुए घर पर रहकर के ही वह अपना यह कार्य कर सकती है।
किसी भी रचनात्मक कार्य को सीखने का केवल और केवल यही एक हेतु नहीं रहता की हम उस से आर्थिक लाभ ही प्राप्त करें बल्कि अगर हम किसी कार्य को अच्छे से सीख पा रहे हैं। तो हम आने वाले भविष्य में और भी नए लोगों को उसे बता सकतें है जानकारी दे सकते हैं।
महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. जोगिंदर सिंह ने यह बताया कि आज हम लोग हम अपनी परंपराएं भूलते जा रहे हैं। उसी के विपरीत विदेश आज हमारी परंपराओं को अपना रहे है। आज हम लोगों ने मिट्टी के बर्तन और तांबे कढ़ाई कसीदा कार्य यह बहुत सामान्य सा कार्य जो हर एक परिवार में होता था, हम लोग छोड़ चुके हैं और बाहरी लोग उसको अपनाते जा रहे हैं। वर्तमान में समय परिवर्तित हो रहा है एवं सभी के सभी पुरानी परंपराओं की और पुराने समय की और अग्रसर हो रहे हैं। हम भी हमारी इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए रचनात्मक कार्य सीखें एवं उन्हें नवजीवन देने का प्रयास करें।
महाविद्यालय प्रबंधक ऋतुराज सिंह ने बताया कि अगर छात्राएं इस विषय में रुचि लेकर के अगर यह रचनात्मक कार्य सीखना प्रारंभ करते हैं, न केवल वह अपने महाविद्यालय का अपितु अपने घर परिवार का नाम भी रोशन करेगी। साथ ही साथ, उन्होंने रानीवाड़ा क्षेत्र में इस प्रकार की कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाने की भी घोषणा की।
बड़गांव गांव में एक सामान्य ग्रहणी होते हुए सूरज देवी ने किस प्रकार से हैंडीक्राफ्ट का काम प्रारंभ करते हुए अपनी आमदनी भी बढ़ानी शुरू की ऐसी जानकारी स्वयं सूरज देवी ने छात्राओं के मध्य उपस्थित रहकर के बताया एवं इस विषय में रुचि लेने वाली छात्राओं को महाविद्यालय स्तर पर प्रशिक्षण देने की पहल की है। कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापक प्रवीण कुमार ने किया। कार्यक्रम में रमीला पुरोहित, हुकम सिंह, कांतिलाल, वचना राम, अनिल कुमार उपस्थित रहे। छात्राओं में विमला, दिव्या, सेजल, निकिता, प्रीति, भागु, अनीता, ममता आदि उपस्थित रही।