रानीवाड़ा तहसील मुख्यालय पर आज शनिवार को 17वें दिन अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। आज चितरोड़ी ग्राम पंचायत के चितरोड़ी, चारा और वाड़ा भोजा में बंद का आयोजन रखकर ग्रामीणों ने विरोध जताया। दरअसल, नवसृजित सांचौर जिले में रानीवाड़ा तहसील को जोड़ने का ग्रामीण विरोध कर रहे है।
चितरोड़ी सरपंच हरकाराम चौधरी ने कहा कि रानीवाड़ा तहसील की सबसे दूर चितरोड़ी गा्रम पंचायत होने से हमारे लिए तो जालोर और सांचौर दोनों 80-80 किमी दूर पडते है। फिर भी, हमारे तीनों के गांवों के लोग नवसृजित सांचौर से जालोर जिले को बेहतर मानते है। आमजन की भावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार को उचित निर्णय लेना चाहिए। वरना, आगे आने वाले विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया जाएगा।
मालवाड़ा सरपंच प्रदीपसिंह देवल ने कहा कि सांचौर जिले में रानीवाड़ा के कई समाजों की रिश्तेदारी है। ऐसे में रिश्ते निभाना हमको आता है। परन्तु जिले में शामिल करना एक अलग बात है। शीघ्र ही रानीवाड़ा का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलने जयपुर जाएगा और कोई निर्णय हासिल किया जाएगा।
पीराराम चौधरी आलड़ी ने कहा कि रानीवाड़ा तहसील के लोगों को नया जिला भीनमाल बनाकर उसमें शामिल करना भविष्य के लिए बेहतर है। हमे सांचौर को जिला बनाने से कोई आपत्ति नही परन्तु भीनमाल भी जिला बनने का हक रखता है। भीनमाल में 1960 में जिलास्तरीय मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होने लगी थी। स्टेट वक्त में खेलों के लिए स्टेडियम बनने लगे थे। अब रानीवाड़ा, बागोड़ा, जसवंतपुरा को मिलाकर भीनमाल जिला बनने की पात्रता रखता है।
इस मौके पर गुमानसिंह देवल, हरकाराम सरपंच, करमीराम पुरोहित, दरगाराम, हिम्मताराम, जानुराम चौधरी, पृथ्वीराजसिंह, भवंरलाल, छगनसिंह देवल, चंदनसिंह, चेलाराम चौधरी चारा, वागाराम, मेघाराम मेघवाल, सुजाणाराम भील, दौलाराम वार्डपंच, गवरीदेवी, भीखीदेवी चारा, हरीश सहित कई जने मौजूद रहे।