दो ऐसी प्रसूताएं जिनके गर्भ में उल्टे बच्चे थे, जिसकी वजह से एक प्रसूता को आबूरोड के दो हॉस्पिटलों में तो दूसरी प्रसूता को भीनमाल के सबसे बड़े हॉस्पिटल में बोला सिजेरियन ऑपरेशन। दोनो पहुंचे रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल, जहां डॉक्टर एस एस भाटी ने दोनो की करवाई नॉर्मल डिलीवरी
श्रीमती अंसी देवी पत्नी लक्ष्मणलाल चौधरी निवासी वाटेरा (पिंडवाड़ा) को डिलीवरी का दर्द होने पर परिजन गर्भवती महिला को लेकर आबूरोड के एक निजी हॉस्पिटल पहुंचे। जहां जांच के दौरान पता चला कि गर्भवती महिला के गर्भ में उल्टा बच्चा है। इसी वजह से वहां के डॉक्टर्स ने परिजनों को सिजेरियन ऑपरेशन का बोला अन्यथा बच्चे का जान का जोखिम बताया परिजन ऑपरेशन नहीं करवाना चाहते थे अतः गर्भवती महिला को लेकर आबूरोड के ही एक दूसरे हॉस्पिटल गए। वहां भी परिजनों को सिजेरियन ऑपरेशन ही डिलीवरी का एकमात्र रास्ता बताया। अंततः नॉर्मल डिलीवरी की आस लिए परिजन गर्भवती महिला को लेकर रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल पहुंच नॉर्मल डिलीवरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर एस एस भाटी से मिले। डॉ एसएस भाटी ने परिजनों को नार्मल डिलीवरी करवाने का पूरा विश्वास दिलाया और कुछ ही समय में सुरक्षित नॉर्मल डिलीवरी करवाई। जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित देख परिजनों ने डॉक्टर एसएस भाटी का तहे दिल से आभार व्यक्त किया।
इसी तरह श्रीमती गंगा देवी पत्नी आकाश कुमार माजीराणा निवासी बीटन (भीनमाल) के डिलीवरी का दर्द होने पर परिजन भीनमाल के सबसे बड़े हॉस्पिटल में ले गए। जहां जांच के दौरान पता लगा कि गर्भवती महिला के गर्भ में 2 बच्चे हैं। एक बच्चा सीधा तो दूसरा बच्चा आड़ा अतः वहां के डॉक्टर ने परिजनों को सिजेरियन ऑपरेशन का बोला। परिजन ऑपरेशन नहीं करवाना चाहते थे अतः वहां से छुट्टी लेकर रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल पहुंच नॉर्मल डिलीवरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर एस एस भाटी से मिले। डॉ एस एस भाटी ने परिजनों को नॉर्मल डिलीवरी करवाने का पूरा आश्वासन दिया और कुछ ही देर में पहला बच्चा सीधा होने की वजह से आराम से आ गया। लेकिन दूसरा बच्चा आड़ा था ऐसी स्थिति में सिजेरियन ऑपरेशन ही एक मात्र रास्ता होता है किंतु डॉक्टर एस एस भाटी ने अपने कई वर्षो के तजुर्बे और अनुभव की बदौलत बच्चे को गर्भ में ही घूमा कर सुरक्षित नॉर्मल डिलीवरी से जन्म करवाया। वहां मौजूद सभी परिजनों ने डॉक्टर एस एस भाटी का आभार व्यक्त किया।