सिरोही की सरकारी गौशाला का संचालन श्री गौधाम महातीर्थ पथमेडा करेगा, राज्य सरकार व श्री गौधाम महातीर्थ पथमेडा के बीच अनुबंध निष्पादित
सिरोही। गौऋषि दत्तशरणानंद जी की प्रेरणा से सिरोही में गौ सेवा के नये अध्याय की शुरूआत हो सकी है। आने वाले समय में अर्बुदा गौशाला पूरे राष्ट्र में गौ सेवा के नये केन्द्र के रूप में विकसित हो सकेगी। विधायक संयम लोढा गत दो वर्ष से इसके लिए प्रयासरत थे लेकिन जिला स्तरीय नंदी शाला के लिए राज्य सरकार की ओर से 12 माह का अनुदान दिये जाने की मांग के कारण इसमें लगातार विलंब हो रहा था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2023-24 के बजट में इसकी घोषणा कर दी जिससे जिला स्तरीय नंदी शाला अर्बुदा गौशाला में स्थापित करने की सहमति बन सकी। राज्य सरकार ने गौशाला की भूमि के चारो ओर दीवार, भूमि सुधार आदि के लिए 4 करोड 50 लाख रूपये स्वीकृत की है।
विधायक संयम लोढा ने संत गोविंद वल्लभदास महाराज व गौसेवको के साथ अर्बुदा गौशाला के कार्य प्रगति का अवलोकन किया एवं महाराज को बधाई देकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जताया। लोढा ने बताया कि गौवंश संरक्षण को लेकर राज्य की अशोक गहलोत सरकार निरंतर प्रयासरत है। इस एमओयू के बाद गोवंश संरक्षण को बढावा मिलेगा।
अर्बुदा गौशाला सिरोही की सम्पूर्ण देखरेख, प्रबंध किये संचालन एवं स्वालंबन हेतु श्री गौधाम महातीर्थ पथमेडा लोकपूण्यार्थ न्यास श्री कामधेनु शक्ति पीठ आनंदवन पथमेडा तहसील सांचोर जिला जालोर से संबंध श्री गोपालन गोर्वधन गौशाला समिति नंदगांव वडवज तहसील रेवदर जिला सिरोही द्वारा किया जाएगा।
राज्य सरकार की गौवंश संरक्षण की नीति के तहत गौवंश संरक्षण, सम्पोषण संवर्धन एवं चारागाह विकास के लिए राज्य सरकार एवं उक्त संस्था के बीच समझौते के जरिये 30 वर्ष का अनुबंध पत्र किया गया है। जिला कलक्टर डॉ भंवरलाल एवं गौशाला अध्यक्ष के बीच यह अनुबंध निष्पादित किया गया जिसमें अतिरिक्त जिला कलक्टर कालूराम खौड व श्रीपति धाम नंदनवन के संस्थापक संत गोविंद वल्लभदास महाराज साक्षी बने।
यह गौशाला सिर्फ गौशाला के उद्देश्य प्रयोजनार्थ उपभोग व उपयोग देने की सहमति बनी है। इसका स्वामित्व जिला कलक्टर सिरोही की अध्यक्षता में गठित कमेटी का पुर्ववर्त रहेगा। गौशाला के संचालन में सहभागिता हेतु दोनो पक्षो के बीच अनुबंध किया गया है जिसे दोनो पक्षो की सहमति से आगे बढाया जा सकेगा। अभी गौशाला में 566 गौवंश है जिसका हस्तांतरण किया गया है। इस भूमि में जिला स्तरीय नंदी शाला की स्थापना की जाएगी। गौवंश के लिए झाडियां हटाकर पेड, चारा गोदाम, गमाण, पानी की खेली, गौष्ठ की तारबंदी, कार्यालय, नलकूप, कुआं, विद्युत कनेक्शन, ग्वाला गृह, गौ चिकित्सालय, चिकित्सक आवास व अन्य निर्माण नंद गांव समिति द्वारा करवाया जाएगा।
भामाशाह इसमें अपना योगदान कर सकेगे।
जिला स्तरीय नंदी शाला में प्रति 1 हैक्टेयर पर 100 गौवंश को प्रवेश दिया जाएगा। प्राथमिकता वेद लक्षणा गौवंश को दी जाएगी लेकिन अन्य नस्ल का गौवंश भी रखा जा सकेगा। बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाया जाएगा और हरा चारा उगाया जाएगा इसके साथ ही गौ कृषि अन्न, औषधीय पौधे, छायादार वृक्ष आदि लगाये जायेगे। कृषि कार्य पूर्णत: जैविक पद्वति से किया जाएगा। गौशाला परिसर में आवागमन पथ, वर्षा, जल संग्रहण, तालाब, एनीकट, वृक्षारोपण, घास, चारा, औषधी उत्पादन, गोष्ठ गौसंधन, चारा संग्राहलय, गौसेवक निवास का निर्माण किया जाएगा। केन्द्र व राज्य सरकार, सांसद व विधायक भी इसमें अपने कोष से सहयोग प्रदान कर सकेगे। गौमूत्र संकलन परिष्करण व बैल ऊर्जा उत्पादन अनुसंधान शाला तथा गौ कृषि प्रशिक्षण केन्द्र का संचालन भी किया जाएगा।गौशाला परिसर में संगोष्ठी व सेमीनार का भी आयोजन होगा। समिति ने सफाई कार्य प्रारम्भ कर दिया है।