परमार राजवंश का दरबार कई सालों के बाद सिलासन में, 108 ठीकाणो ने साक्षी बनकर कराई माताजी के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा, हजारों लोगों का उमड़ा जन सैलाब, ओम आचार्य ने किया मंच का संचालन
परमार राजवंश की कुलदेवी अर्बुदा माताजी के सिलासन मे तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्यता से भव्य आयोजित किया गया। श्री अर्बुदा माताजी सेवा संस्थान सिलासन के संस्थापक एवं महोत्सव के व्यवस्था प्रभारी उकसिंह परमार ने बताया कि महोत्सव आधुनिक व्यवस्था से परिपूर्ण था। माताजी के भक्तों के लिए विशेष रूप से वातानुकूलित पांडाल महिला पुरुषों के लिए विशाल आकार के आकर्षक रुप से इसी तरह संत महात्माओं के लिए भी धार्मिक वातावरण अनुसार तैयार कर महोत्सव को भव्य रुप दिया गया था। श्री अर्बुदा माताजी धाम परिसर में ही नवचंडी यज्ञ के लिए पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विद्बवानों पंडितों द्बारा निर्माण कर सामुहिक मंत्रोच्चार के बीच विधि विधान से सम्पन्न करवाया गया।यज्ञशाला की फूलों से सजावट सहित धार्मिक अनुष्ठान देखते ही बनता था। यज्ञ के लाभार्थियों ने भी माँ के यज्ञ में आहुतियां देकर लाभ प्राप्त किया।
संस्थान के अध्यक्ष जबरसिंह परमार पांथेडी ने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव में अर्बुदा माता धाम परिसर सहित नगर के मार्ग को दुल्हन की तरह सजाया गया था। मंदिर व मंदिर मार्ग को सुगंधित पुष्पों से सजाया गया। लाईट डेकोरेशन विशेष महत्व लेकर किया गया रात्रि के समय रोशनी डेकोरेशन देखने के लिए ग्रामीणजनों की हजारों की संख्या मे भीड़ उमड़ पड़ी।महोत्सव के शुभारंभ पर ऐतिहासिक विशाल शोभायात्रा मे सजधजकर माता के भक्तों ने शिरकत कर माँ के जयकारों से आसमान गुंजायमान कर दिया। राजशाही सजावट से सजे हाथी, घोडे, शाही रथ, मधुर संगीत धुनों मे बैण्डबाजों के ग्रुप, शहनाई वादक, नासिक ढोल नगाड़ों के साथ स्थानीय ढोलों ने लोगों को आकर्षित करने में आगे रहे।राजस्थान का सुप्रसिद्ध गैर नृत्य व कच्ची घोडी कलाकारों ने भरपूर मनोरंजन कर माताजी की प्रतिष्ठा की शोभा बढाई।
रात्रि में राष्ट्रीय भजन गायक छोटूसिंह रावणा एण्ड पार्टी ने एक से बढ़कर एक माताजी के भजन गाकर महोत्सव में लोगों को भक्ति रंग में झुमने पर मजबूर कर दिया। इसी तरह श्री अर्बुदा माताजी के प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व रात्रि को विशाल भजन संध्या में अन्तर्राष्ट्रीय स्वर कोकिला सुप्रसिद्ध भजन गायक ने हजारों भक्तों की उपस्थित मैं माँ अर्बुदा थारो धाम प्यारो गणो लागे गा कर माँ के जयकारे लगवाएं. आबू री धणयाणी सिलासन विराजे गाने पर पांडाल तालीयाँ की गड़गड़ाहट के माताजी के जयकारों से दाद दी, सिलासन मैं अर्बुदा माताजी आपो आप विराजे अठे बनियों है निरालो धाम भजन प्रस्तुत करते ही भक्तों ने लय से लय मिलाते हुए झुमते हुए भजन संध्या को ऊचाई प्रदान की।
गायिका नीता नायक जावाल ने हजारों की संख्या में उपस्थित भक्तजनों के बीच एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत कर देर रात्रि तक माँ के भक्तों को बांधे रखा। प्राण प्रतिष्ठा के अंतिम दिन प्रातःकाल से ढोल नगाड़ों के साथ शहनाई वादक सहित बैण्डबाजों के साथ श्री अर्बुदा माताजी को भव्य मंदिर में विराजमान करने का कार्यक्रम शुरू हुआ।एक तरफ महिलाओं द्बारा मंगल गीत गाऐ जा रहे थे तो दुसरी ओर भक्तगण नाचकर खुशियों को बढा रहे थे।जैसे अर्बुदा माताजी की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर में वैदिक मंत्रों से हुई तो धाम के चारों से माँ के जयकारों व हैलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा करने को निहारने के हजारों की भीड़ साक्षी बनी।शनिवार को फले चुनरी का लाभ देने के लिए हजारों हजारों की संख्या में आकर प्रसाद ग्रहण किया।
महोत्सव में भोजन प्रसादी बनाने हेतु विशालकाय भोजन स्थल का निर्माण किया गया था जहां पर आधुनिकता मशीनों से गरम रोटियां सहित प्रशिक्षित हलवाइयों द्बारा मिष्ठान व विभिन्न व्यंजन बनाने के लिए दर्जनों हलवाई,सैकड़ों कार्मिकों को कार्य में लगाया गया था। भोजशाला मे प्रत्येक दिन हजारों लोगों का भोजन प्रसादी तैयारी होती थी।फले चुनरी मे देश के विभिन्न प्रांतों के माँ के भक्तों ने भागीदारी निभा कर महोत्सव को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।आर वी इवेंट योगेश कुमार खण्डेलवाल की टीम महोत्सव की व्यवस्था को भव्य आयोजन में तत्पर रही। महोत्सव का सफल मंच संचालन राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त ओम आचार्य फालना ने किया। महोत्सव संस्था के संरक्षक वरधसिंह पांथेडी के सानिध्य मे किया गया।