जिला मुख्यालय से सांचौर 159 किमी और थराद 80 किमी दूर, बावजूद इसके संाचौर समाप्त और थराद को नया जिले की घोषणा
पालनपुर। गुजरात में फिलहाल 33 जिले हैं। आज सम्पन्न हुई कैबिनेट बैठक में एक और जिले को मंजूरी दे दी गई है। बनासकांठा जिले को विभाजित किया गया है। थराद-वाव एक नया जिला बनाया जाएगा। जिसमें जिले का मुख्यालय थराद होगा। साथ ही, आज सरकार ने पाटन, मेहसाणा, नवसारी, पारदी और वापी समेत 9 नगर पालिकाओं को नई महा नगरपालिका बनाने की घोषणा की है।
नए साल में ही सरकार ने बनासकांठा के लोगों को तोहफा दिया है। वाव-थराद को जिला घोषित किया गया है। बनासकांठा जिले में वर्तमान में 13 तालुका हैं, जिनमें से 8 तालुका अब थराद जिले में शामिल किए जाएंगे। वर्तमान में बनासकांठा का मुख्यालय पालनपुर है। वाव-थराद को नया जिला घोषित किया जाएगा जिसमें वाव, सुईगाम, थराद, दियोदर, भाभर, कांकरेज, धानेरा शामिल होंगे। जबकि पालनपुर, डिसा, अमीरगढ़, दांता, और वडगाम मौजूदा जिले में ही रहेंगे।
2027 के चुनाव से पहले परिसीमन बदला जाएगा। जिससे विधानसभा सीटें 182 से बढ़ सकती हैं। इस फैसले से जिला पंचायत चुनाव में प्रशासनिक इंतजामों में सरलता और आसानी हो सकती है। चूंकि पुराना बनासकांठा जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से एक बड़ा जिला था, इसलिए लोगों को सरकारी काम के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी।
थराद को जिला बनाने की मांग जोरों पर थी
बनासकांठा जिले के 14 तालुकों की तुलना में थराद, वाव, सुइगाम, भाभर, दियोदर और लाखनी तालुका को थराद में बनाने की चर्चा काफी समय से चल रही थी। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के परिसीमन में बदलाव के कारण कई नए तालुका और जिले बनाए गए थे। तब यह प्रबल भावना थी कि बनासकांठा के तीसरे शहर थराद को जिला बनाया जाएगा।
थराद तालुका के सरपंच एसोसिएशन द्वारा थराद को जिला बनाने का लिखित प्रस्ताव प्रस्तुत करने के बाद आज सभी चर्चाएं समाप्त हो गई। इसलिए मुख्यमंत्री कार्यालय ने जिला कलेक्टर के माध्यम से थराद के डिप्टी कलेक्टर से थराद को जिला बनाने के बारे में राय मांगी। इसलिए थराद के डिप्टी कलेक्टर शिवाजी एस. ताबियार ने सरकार को एक सकारात्मक रिपोर्ट भेजी। जिसमें विस्तृत जानकारी दी गई कि जिला भौगोलिक, विकासात्मक और सामाजिक रूप से थराद के लिए कितना उपयुक्त है।
हालाँकि, इसके बाद सरकार में असमंजस की स्थिति थी कि दियोदर और थराद में से किसे जिला घोषित किया जाए। ऐसे में तमाम चर्चाओं के बीच आज थराद को जिला बनाने की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। थराद की दूरी पालनपुर से 80 किमी है, जिसे जिला घोषित करने पर प्रशासनिक कार्यों में सुविधा होगी और विकास कार्यों में तेजी आएगी।
अधिकांश कार्यालय थराद में स्थित
सभी विभागों के अधिकांश महत्वपूर्ण कार्यालय थराद में स्थित हैं। जैसे कृषि विश्वविद्यालय, सरकारी और निजी कॉलेज, सरकारी आदर्श आवासीय विद्यालय, सरकारी गर्ल्स हॉस्टल, आईटीआई, डीवाईएसपी कार्यालय, आरएफओ (सामान्य)। और विस्तार), पीडब्ल्यूडी (पंचायत और राज्य), राष्ट्रीय राजमार्ग, पेटा तिजोरी, नर्मदा नहेर (तीन तालुकों में से) और उप-सामान्य अस्पताल भी स्थित हैं।
नया जिला बनाने की प्रक्रिया क्या है?
इस संबंध में बनासकांठा जिला कलेक्टर कार्यालय के अधिकारी ने कहा कि नया जिला बनाना सरकार का नीतिगत मामला है। यदि सरकार तय करती है तो नए जिले का क्षेत्रफल, जनसंख्या, गांव, मानचित्र परिसीमन सहित एक चेकलिस्ट प्रस्तावित है। जिसके बाद सरकार द्वारा आगे की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है।
नया जिले बनाने में दूरी कोई पात्रता नही
जालोर से संाचौर की दूरी 159 किमी है। जबकि, पालनपुर से थराद की दूरी 80 मानी गई है। ऐसे में सांचौर ज्यादा दूर होने के बावजूद जिला समाप्त किया जाता है। वहीं, थराद की दूरी कम होने के बावजूद नया जिला बनाया जाता है। सोचने वाली बात यह है कि दोनों जगह सरकारे भाजपा की होने के बावजूद भेदभाव किया गया है।