भोजन छोटी घटना नही है – परम आकाश
रानीवाड़ा। भोजन को हम बहुत हल्के में ले लेते है और उसे ग्रहण करने के नियमों के बिना ही जीवन व्यतीत हो जाता है और शारीरिक, मानसिक बीमारियां इसी कारण आती है। जबकि भोजन छोटी घटना नही है। भोजन को हल्के में नहीं लेना चाहिए। जीवन ऊर्जा का निर्माण भोजन ही करता है।
यह बात सन टू ह्यूमन , इंदौर मिशन के तत्वावधान में रानीवाड़ा में आयोजित एक दिवसीय निशुल्क नए दृष्टिकोण वाले शिविर में योग प्रशिक्षक परम आकाश( कन्हैयालाल खंडेलवाल) ने शिविर का सूत्र संचालन करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि अधिकतर बीमारियों की जड़ है बिना कॉम्बिनेशन वाला भोजन। असमय किया हुआ भोजन। यदि दोपहर के भोजन में छह रसों वाले भोजन को शामिल कर लिया जाए तो शाम या रात्रि के भोजन की अतृप्ति नही रहेगी।
इसी प्रकार सन टू ह्यूमन के प्रणेता परम आलय द्वारा डिजाइन किए गए सुबह के ऊर्जावान एल्कलाइन नाश्ते को ग्रहण करने से जीवन में शरीर, मन और चेतना के स्तर पर जबरदस्त बदलाव आता है।इसका वैज्ञानिक विधान है। पोशक तत्वों से भरपूर ऊर्जा बढ़ाने वाला नाश्ता मात्र करने से कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है। शिविर में साधकों को यह ऊर्जावान नाश्ता भी परोसा गया।
शिविर में बड़ी संख्या में उपस्थित स्त्री पुरुषों ने परम आकाश से स्वस्थ्य जीवन शैली के सूत्र सीखे ।भोजन और नाश्ते की वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित सन टू ह्यूमन के प्रणेता परम आलय द्वारा डिजाइन की गई रेसिपी के बारे में भी बताया गया। प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान को समहित करते हुए सन टू ह्यूमन के सम्यक आहार, सम्यक व्यायाम और सम्यक नींद के छोटे छोटे लेकिन प्रभावी सूत्रों ने देश विदेश में हजारों लाखों लोगो का जीवन बदला है
अपना अनुभव बताते हुए परम आकाश ने कहा कि मुंबई में पांच वर्ष पूर्व डायबिटीज, हृदय रोग, मोटापा आदि कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित था लेकिन मुंबई में जब परम आलय के शिविर में भाग लिया और सूत्र समझ कर उन्हे दिनचर्या का हिस्सा बनाया तो तेजी से जीवन में शरीर, मन और चेतना के स्तर पर सकारात्मक बदलाव आया ।
कार्यक्रम के प्रायोजक अमीचंद जैन ने अपने संबोधन में भाग लेने वाले सभी साधकों के प्रति आभार प्रकट किया। शिविर में भाजपा नेता मुकेश खंडेलवाल, पत्रकार गुमानसिंह राव, मानजी राम चौधरी, कांतिलाल सोलंकी, सोनाराम चौधरी, सन टू ह्यूमन भीनमाल टीम से नारायण जांगिड़, दिनेश भाटी, हरिराम विश्नोई, रमेश परिहार, नवरतन अग्रवाल, गोपाल बालोत, दौलत मेहता, जीवाराम विश्नोई, बाबूलाल, मुस्कान खंडेलवाल आदि उपस्थित थे।