रानीवाड़ा। ऐसा सुना जाता है कि आज भी ईमानदारी जिंदा है। प्रतिकूल समय के बावजूद कभी कभार ईमानदारी के नमूने भी दिखाई देते है। ऐसा ही एक उदाहरण आज रानीवाड़ा में देखने को मिला है। हुआ यंू कि, रानीवाड़ा सीएचसी में कार्यरत वरिष्ठ मेल नर्स धानोल निवासी जोइताराम चौधरी के पुत्र अनिल मुंबई से रानीवाड़ा रेलगाडी से उतरे और धानोल की तरफ रवाना हुए। इसी दरम्यिान, उनका बटुआ रेल्वे प्लेटफॉर्म पर कही गिर गया।
अनिलकुमार को घर जाने के बाद बटुआ गुमने की जानकारी मिली। वो बटुआ रानीवाड़ा निवासी मंगलाराम जीनगर को रेल्वे स्टेशन पर मिला। पर्स में 5 हजार रूप्ए और बैंक, एटीएम, ड्राइविंग लाइसेंस सहित कई कार्ड थे। मंगलाराम ने पर्स को रेल्वे परिसर के महादेव मंदिर में रखवाया। तथा, पर्स में रखे हुए कागजातों से मालिक का पता लगाकर सूचित किया।
पर्स को लेने जोइताराम पहुंचे और ईमानदार मंगलाराम जीनगर ने वो पर्स लौटाया। जोइताराम ने बटुए में रखी सामग्री को यथावत माना। खुश होकर चौधरी ने मंगलाराम को पारितोषिक राशि भैंट कर आभार जताया। बहरहाल, एक बात साफ साफ है कि जमाना चाहे कलयुग का है, जहां इंसानियत नाम की कोई चीज नही है। बावजूद इसके, मंगलाराम जीनगर ने दिखला दिया है कि ईमानदारी अभी भी जिंदा है और आगे भी रहेगी।