भागवत कथा के पांचवें दिन संत कृपाराम महाराज को सुनने उमड़ी रिकार्डतोड़ भीड़ अठारह हजार श्रद्धालु पहुंचे
धन से सेवा भक्ति करे वही आज के समय में धनवान व्यक्ति संत कृपाराम
भागवत कथा के पांचवे दिन किया श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन
रानीवाड़ा -जब भी धरती पर आसुरी शक्ति हावी हुईं, परमात्मा ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की। मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रुप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप में जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। यह बात रानीवाड़ा निकटवर्ती डुंगरी में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाते हुए कथावाचक संत कृपाराम महाराज ने श्रद्धालुओं के बीच कही।
संत कृपाराम महाराज ने कहा कि जीवन में अच्छे रास्ते पर जाना है तो संकल्प लेना जरूरी है हर बच्चे को अपने माता-पिता की बातों को मानना चाहिए और सबसे बड़ा भगवान माता-पिता ही होता है जिनके ऊपर माता-पिता का आशीर्वाद है उन्हें संसार में सब कुछ प्राप्त है साथ-साथ हर एक माता-पिता को चाहिए अपने साथ अपने बच्चों को भागवत कथा हो सत्संग हो कीर्तन हो अपने साथ जरूर लाना चाहिए क्योंकि धर्म की कथा सुनने से बच्चों में संस्कार अच्छी बातें आती है अपने जीवन को कृतार्थ करने के लिए भगवान के प्रति अनन्य विश्वास रखना चाहिए।
संत कृपाराम महाराज ने कहा धनवान व्यक्ति वही है जो अपने तन, मन, धन से सेवा भक्ति करे वही आज के समय में धनवान व्यक्ति है। परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम के द्वारा ही संभव हो सकती है। पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए महाराज ने बताया कि पूतना राक्षसी ने बालकृष्ण को उठा लिया और स्तनपान कराने लगी। श्रीकृष्ण ने स्तनपान करते-करते ही पुतना का वध कर उसका कल्याण किया। माता यशोदा जब भगवान श्री कृष्ण को पूतना के वक्षस्थल से उठाकर लाती है उसके बाद पंचगव्य गाय के गोब, गोमूत्र से भगवान को स्नान कराती है। सभी को गौ माता की सेवा, गायत्री का जाप और गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए। गाय की सेवा से 33 करोड़ देवी देवताओं की सेवा हो जाती है।
भगवान व्रजरज का सेवन करके यह दिखला रहे हैं कि जिन भक्तों ने मुझे अपनी सारी भावनाएं व कर्म समर्पित कर रखें हैं वे मेरे कितने प्रिय हैं। भगवान स्वयं अपने भक्तों की चरणरज मुख के द्वारा हृदय में धारण करते हैं।
पृथ्वी ने गाय का रूप धारण करके श्रीकृष्ण को पुकारा तब श्रीकृष्ण पृथ्वी पर आये हैं। इसलिए वह मिट्टी में नहाते, खेलते और खाते हैं ताकि पृथ्वी का उद्धार कर सकें। रानीवाड़ा निकटवर्ती डुंगरी में वेलाणी पुरोहित परिवार द्वारा आयोजित कथा में प्रतिदिन काफी संख्या में भीड़ उमड़ती है और पूरा कथा स्थल भक्तिमय माहौल में गुंजायमान रहता है। सोमवार को भी महिलाओं पुरुषों सहित करीब छः हजार श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे।
समाजसेवी अमृत पुरोहित ने बताया कि कथा में प्रतिदिन सम्मिलित होने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन भोजन प्रसादी की व्यवस्था रखी गई है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन शाम को विशाल भजन संध्या का आयोजन होता है । जिसमें प्रतिदिन अलग-अलग राजस्थान के खयातिनाम भजन गायक भजनों की प्रस्तुति देते हैं । उन्होंने कहा कि कल बुधवार शाम को विशाल भजन संध्या में राजस्थान की सुप्रसिद्ध भजन गायिका सोनु सिसोदिया भजनों की प्रस्तुति देंगी। वेलाणी परिवार द्वारा आयोजित विशाल श्रीमद् भागवत कथा अपने आप में बड़ा और अनोखा आयोजन है।
सात दिन चलने वाली इस कथा में सात दिन में कुल 2 लाख श्रद्धालु कथा श्रवण करने पहुंचेंगे व प्रसाद ग्रहण करेंगे। कथा स्थल पर सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रही महिला एवं पुरुष पुलिसकर्मियों का जाब्ता सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहा वहीं चिकित्सकमियों की टीम भी मौजूद रहीं। कथा में रानीवाड़ा पुलिस उपअधीक्षक भवानी सिंह इंदा रानीवाड़ा प्रधान राघवेन्द्र सिंह देवड़ा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।