साल 2020 से भाजपा सरकार ने सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम का फंड बंद कर दिया था, कांग्रेस सांसद ठाकोर की मांग
गुजरात की बनासकांठा सीट से सांसद चुनी गईं गनीबेन ठाकोर ने बुधवार को संसद भवन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
गुजरात के तीन सीमावर्ती जिलों बनासकांठा, कच्छ और पाटन के गांवों में बीएडीपी के तहत जो अनुदान दिया जाता था वो साल 2020 से बंद है, उसके भुगतान की मांग केंद्रीय गृह विभाग ने की है और नए गांव को सीमा क्षेत्र में शामिल करने की मांग की है।
बनासकांठा से सांसद गेनी बेन ठाकोर ने बुधवार को संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। भारत सरकार के गृह विभाग के माध्यम से बीएडीपी ‘सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ के तहत गुजरात सीमा के तीन जिलों बनासकांठा, कच्छ और पाटन के गांवों में 2020 से अनुदान बंद कर दिया गया है। इसलिए यह अनुदान तीन जिलों को देने और नए गांव को सीमा क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव था।
सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ की शुरुआत सातवीं पंचवर्षीय योजना (वर्ष 1985–90) के दौरान की गई थी। वर्तमान में इस कार्यक्रम के तहत 17 राज्यों के 111 सीमावर्ती ज़िलों के 394 सीमा खंड शामिल हैं। 1993-94 में यह कार्यक्रम राजस्थान के चार सीमावर्ती जिलों में शुरू किया गया है।
बीएडीपी निधि से सीमा के 10 किलोमीटर के अंदर सड़कों, पुलों, पुलियों, प्राथमिक विद्यालयों, स्वास्थ्य ढांचे, खेल के मैदानों, सिंचाई कार्यों, मिनी स्टेडियमों, बास्केटबॉल, बैडमिंटन और टेबल टेनिस के लिए इनडोर कोर्ट का निर्माण किया जा सकता है।
सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) को वित्त वर्ष 2020-21 में 784 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और यह धनराशि अंतरराष्ट्रीय सीमा की लंबाई और जनसंख्या जैसे विभिन्न मानदंडों के आधार पर सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में वितरित की जाती है।