भागवत कथा के तीसरे दिन संत कृपाराम महाराज को सुनने उमड़ा लोगों का जनसैलाब
मनुष्य को अपने जीवन में क्रोध, लोभ, मोह, हिंसा, आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए संत कृपाराम
रानीवाड़ा: रानीवाड़ा निकटवर्ती डुंगरी गांव में वेलाणी परिवार द्वारा आयोजित विशाल श्रीमद् भागवत कथा में कथा के तीसरे दिन रविवार को कथावाचक कृपाराम महाराज ने ध्रुव व विदुर चरित्र की कथा का प्रसंग सुनाया।
कथावाचक ने कहा कि अगर ध्रुव पांच साल की उम्र में भगवान को पा सकता है, तो फिर हम कैसे पिछड़ सकते हैं। अगर सच्चे मन से भगवान की भक्ति की जाए, तो भगवान खुद अपने भक्तों से मिलने पहुंच जाते है। कथा के दौरान झांकियां भी सजाई गई।
वहीं विदुर प्रसंग में भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम की व्याकुलता के बारे में उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण विदुरजी की कुटिया में भोजन करने गए और वहां केले के छिलकों का भोग स्वीकारा। इससे पहले वे दुर्योधन के महल में छप्पन भोग का त्याग कर आए थे। भगवान तो प्रेम के भूखे होते हैं और विदुर-विदुरानी ने भगवान को प्रेम से भोजन करवाया तो उन्होंने केले के छिलके भी प्रेम से खा लिए।
कथा के दौरान कथावाचक कृपाराम महाराज ने श्रद्धालुओं के समक्ष सृष्टि वर्णन के प्रसंग को भी विस्तार से सुनाया ! भागवत कथा के तीसरे दिन संत कृपाराम महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन में जाने अनजाने प्रतिदिन कई पाप होते है। उनका ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करना ही एक मात्र मुक्ति पाने का उपाय है।
उन्होंने ईश्वर आराधना के साथ अच्छे कर्म करने का आह्वान किया। उन्होंने जीवन में सत्संग व शास्त्रों में बताए आदर्शों का श्रवण करने का आह्वान करते हुए कहा कि सत्संग में वह शक्ति है, जो व्यक्ति के जीवन को बदल देती है। उन्होंने कहा कि व्यक्तियों को अपने जीवन में क्रोध, लोभ, मोह, हिंसा, संग्रह आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए। रविवार को भागवत कथा में संत कृपाराम महाराज को सुनने क्षेत्रभर से लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा ।
रविवार को करीब पांच हजार लोग संत कृपाराम महाराज को सुनने पहुंचे। प्रशासन की और से भी कथा स्थल पर व्यवस्था चाक-चौबंद रही महिला एवं पुलिस जवान तैनात रहे तो वहीं मेडिकल कैम्प में चिकित्सक मौजूद रहे। कथा में रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी विराज देवासी सहित कई गणमान्य लोग भी शामिल हुए।
समाजसेवी अमृत पुरोहित ने बताया कि भागवत कथा में पहुंचने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन भोजन प्रसादी की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन शाम को विशाल भजन संध्या का आयोजन होता है। जिसमें प्रतिदिन अलग-अलग राजस्थान के खयातिनाम कलाकार भजनों की प्रस्तुति देते हैं। इस मौके पर प्रागाराम पुरोहित, केराराम पुरोहित, करना राम, नरपत के पुरोहित, हीराराम पुरोहित, कमलेश पुरोहित, अशोक पुरोहित, अभिषेक पुरोहित सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।