क्षत्रियोचित संस्कारों का दिया जा रहा है प्रशिक्षण, 20 ko होगा समापन
रानीवाड़ा। श्री क्षत्रिय युवक संघ का चार दिवसीय प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर धामसीन के आशापुरा माताजी मंदिर में चल रहा है। शिविर में आज तीसरे दिन सामूहिक संकारमयी कर्म प्रणाली के माध्यम से क्षत्रियोचित संस्कारों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हर दिन का शेड्यूल अलग अलग है।
रानीवाड़ा मंडल प्रमुख रेवतसिंह जाखड़ी ने बताया कि इस शिविर में धामसीन, मेडक, जोड़वास, डूंगरी, जाखड़ी, रतनपुर, कागमाला, चांडपुरा, उच्चमत, जीतपुरा, वाडा भवजी, करड़ा, सेवाडा, वडवज, रायपुर, सुरावा, पांचला, टीटोप आदि गांवो के 130 से अधिक स्वंयसेवक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
शिविर प्रमुख राजेंद्रसिंह भवरानी ने कहा कि आज के इस तामसिक वातावरण से बचने के लिए अपनी रज शक्ति को सत के साथ लगाना होगा, इसके लिए लगातार अभ्यास की आवश्यकता है और इसी प्रकार का अभ्यास हमें इन 4 दिनों में इस शिविर में करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्री क्षत्रिय युवक संघ अधिकार की बजाए कर्तव्य की बात करता हैं, वहीं कर्तव्य जिसको हमारे पुर्वजों ने निर्वहन किया और उसी के फलस्वरूप क्षत्रिय समाज में जन्म लेना हमारे लिए गौरव का विषय हैं।
शिविर में गणपतसिंह रतनपुर, हनवंतसिंह सुरावा, पृथ्वीसिंह वडवज, प्रवीणसिंह सुरावा, गोविंदसिंह भाटवास, विक्रमसिंह धानसा, रूपेंद्रसिंह पांचला, दिलीपसिंह गोला, गजेंद्रसिंह जाविया, देरावरसिंह उचमत आदि के द्वारा प्रार्थना, बौद्धिक चर्चा, खेल गतिविधि, सहगायन, बौद्धिक चर्चा आदि के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। शिविर व्यवस्था में धामसीन के स्थानीय समाज बंधुओं की ओर से सहयोग प्रदान किया जा रहा है।