जालोर। आज जहां चारो तरफ जातिगत विद्वेष फैला हुआ है, वही कुछ समाचार सुकून भरे भी मिल जाते है। लगता है की दुनिया में सभी वर्गाे में 95 फिसदी लोग भले लोग होते है। जो सबका हित सोचते है। परंतु हर वर्ग में 5 फिसदी लोग विध्वंशकारी होते है। जिनका उद्देश्य ही तोड़ना होता है, जोड़ना नही। आज हम आपको आहोर के सांकरणा गांव का बेहतरीन उदाहरण पेश कर रहे है। जिसकी कोई मिसाल नही।
आज आहोर तहसील के सांकरणा गांव में 8 सितंबर 2022 को अनुसूचित जाति वर्ग के समाज की विधवा महिला जिसके पति जगदीशकुमार वाल्मिकी का देहांत हो चुका है। उसकी पुत्री का विवाह धूमधाम से गांव के ही व्यक्ति सुरेशसिंह पुत्र भैरुसिह राजपुरोहित के नेतृत्व में समस्त ग्रामवासियों ने किया। सुरेशसिंह राजपुरोहित ने अपने स्वयं के घर में शादी करवा कन्यादान किया। शादी के दौरान उस विधवा महिला के परिवार को अपने साथ अपने घर में ही रखा। उक्त विधवा महिला की गांव में विनम्रता एवं लायकी के कारण कुछ लोग मुंबई से उसकी बेटी की शादी में आए।
आपको बता देते है कि उनकी ओर से बारात का स्वागत कर सुन्दर टेन्ट व्यवस्था में सुरुचिपूर्ण भोजन के साथ ही कन्या को कन्यादान में 7 तोला सोना, आधा किलो चांदी, घर गृहस्थी के सभी भौतिक संसाधन, बर्तन, कपड़े, नकद रुपए भेंट किए। राजपुरोहित समाज के सभी अन्य लोगों ने भी कन्यादान में राशि दी। बैन्ड व ढ़ोल थाली से सभी ग्रामवासियों की ओर से बारात का स्वागत किया गया। उसी प्रकार गांव के सभी लोगों ने अपनी बेटी को विदाई भी दी।
आरडीएस अधिकारी नारायणसिंह राजपुरोहित ने जानकारी देते हुए कहा कि सुरेशसिंह एवं गोपालसिंह राजपुरोहित अध्यापक ने ग्रामवासियों के साथ समस्त मेहमानों का सम्मान कर आभार जताया। वास्तव में मन गदगद हो जाता है। ऐसे समाचार सुनकर। सभी वर्गाे में पाए जाने वाले जहर फैलाने वाले उन 5 फिसदी लोगांे से निवेदन करता हु की कृप्या अपने स्वार्थों के लिए गंदी राजनीति नहीं करे। उन्होंने कहा कि आपकी राजनीति के कारण आम जन का काफी नुकसान होता है। हम तो उन 95 फिसदी लोगांे में से है। जो इंसान को इंसान मानते है। ईश्वर ने हममें कोई फर्क नहीं किया, तो हम कौन होते है बांटने वाले। ईश्वर से कामना करते है कि इस 95 संख्या को 100 फिसदी कर दो, जो इंसानियत को मानने वाले हो। और उन 5 फिसदी तोड़क दस्ते को सद्बुद्धि दे। ताकि सामाजिक समरसता भाव सभी समाजों में यथावत रहे।