गणपत पटेल, सांचौर, 20 अगस्त 2022 शनिवार।
निकटवर्ती कमालपुरा में आँजणा समाज के भाई-बहनों ने समंदर हिलोरने की पौराणिक परम्परा का निर्वहन किया। शुक्रवार सवेरे कलबी समाज की महिलाओं ने विभिन्न परिधानों पर सज-धज कर तालाब के चारों ओर परिक्रमा लगाते हुए विभिन्न गीतों का संगान किया। उन्होंने ‘ओ म्हारा सासुजी समंदरियों हिलोरा खाए, जेठ-आषाढ़ वरिया-वरिया, वीरा दल बादल उजले’ आदि गीतों का संगान कर पुरानी परंपरा निभाई। इससे पूर्व महिलाएं ने पूरे दिनभर व्रत रखा।
इसके बाद अपने घर से मिष्ठान्न से भरा मटका लेकर तालाब पर पहुंची। वहां भाइयों ने बहिन को उपहार भेंट कर एवं चुनरी ओढ़ाकर अपने हाथ से तालाब का पानी पिलाया। भाइयों ने अपनी बहिन के ससुराल में सुख समृद्धि की कामना की और सदा सुखी रहने की कामना भगवान से की। बुजुर्गों की ओर से इस परंपरा का निर्वहन तालाब पर किया गया है।
रेवाण पर मिष्टान्न वितरित कर सभा का आयोजन किया गया। इसके बाद बहिनों ने भी परिवार में सुख-समृद्धि व भाई के दीर्घायु की कामना कर व्रत खोला। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।