जालोर 8 मई। जिले में बाल विवाह रोकने में लापरवाही व उपेक्षा करने पर संबंधित सरपंच व पंच जिम्मेदार होंगे।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने बताया कि पंचायतीराज नियम 1996 के अंतर्गत बाल विवाह रोकने का दायित्व सरपंच पर है तथ पंच एवं सरपंच द्वारा बाल विवाह रोकने में लापरवाही व उपेक्षा की जाती है तो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 11 के अनुसार वे जिम्मेदार होंगे।
इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के संबंध में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा जारी पत्र को सभी सरपंचों व वार्ड पंचों की तामिल करवाने के लिए जालोर व सांचौर जिले के समस्त विकास अधिकारियों को निर्देश दिए।