पूर्व मंत्री अर्जुनसिंह देवड़ा और विधायक नारायणसिंह देवल के प्रयास रंग लाए, प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री से मांगा था समय, मंत्री ने संतुष्ट कर दिया आश्वासन, जिला बनाने का अधिकार सीएम के पास, सीमांकन का अधिकार राजस्व मंत्रालय के पास
रानीवाड़ा। नवसृजित सांचौर जिले से रानीवाड़ा तहसील को अलग करने को लेकर जनता सड़क पर है। उपखंड मुख्यालय पर बेमियादी धरना आज भी जारी है। मसले के समाधान को लेकर प्रतिनिधि मंड़ल ने राजस्व मंत्री से मिलने का समय मांगा, तो मंत्री रामलाल जाट ने सोमवार का दिन दिया। ऐसे में पूर्व मंत्री अर्जुनसिंह देवड़ा, विधायक नारायणसिंह देवल सहित टीम ने सोमवार शाम को राजस्व मंत्री रामलाल जाट से मुलाकात की है। जाट ने उनकी मांगों को पूरा करने को लेकर आश्वस्त किया है।
समाजसेवी मुकेश खंडेलवाल ने बताया कि रानीवाड़ा से जयपुर गए प्रतिनिधि मंडल ने राजस्व मंत्री रामलाल जाट और मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव कुलदीप रांका से मुलाकात कर रानीवाड़ा पंचायत समिति के समस्त ग्राम पंचायतों के प्रस्तावों और तहसील क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की ओर से अपनी मांग रखी। जिसमें रानीवाड़ा की संपूर्ण तहसील को नवसृजित सांचौर जिले से अलग रखना मुख्यत है। परिहार ने कहा कि मंत्री ने उनकी मांगों को शीघ्र ही पूरा करने का भरोसा दिया। टीम रानीवाड़ा ने मंत्री का आभार जताया है।
पूर्व पशुपालन मंत्री अर्जुनसिंह देवड़ा ने सांचौर से अलग होने के पौराणिक सहित खास कारणों के बारे में भी मंत्री के सामने खुलासा किया। अन्य दूसरे कारण भी बताए जो सर्वविदित है। विधायक नारायणसिंह देवल ने भी जिलों के गठन में जनप्रतिनिधियों से बिना सलाह मश्विरा लेने को गलत परंपरा बताया और उन्होंने संपूर्ण रानीवाड़ा तहसील को सांचौर से अलग कर जालोर जिले में जोड़ने या भीनमाल को नवीन जिला बनाकर उसमें जोड़ने की बात कही।
बता देते है कि प्रतिनिधि मंडल को राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने भरोसा दिया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हैदराबाद कांग्रेस सम्मेलन से लौटते ही आपकी बात को अच्छे तरीके से उनके सामने रखकर भीनमाल को अलग जिला बनाने और रानीवाड़ा तहसील को सांचौर जिले से अलग करने का निर्णय लिया जाएगा। भीनमाल को नया जिला बनाने का अधिकार मुख्यमंत्री के अधीन आता है। राजस्व मंत्रालय तहसील या खास क्षेत्र को इधर उधर करना हो वो कर देंगे। सीमांकन का अधिकार राजस्व मंत्रालय के अधीन आता है।
सीमांकन में राजस्व सीमाएं ही होती है आधार
नए जिलों के गठन या जिला के पुनर्सीमांकन में ग्राम पंचायत या पंचायत समिति को आधार नही माना जाता बल्कि पटवार सर्कल, आरआई सर्कल या तहसील ही आधार माना जाता है। ऐसे में प्रतिनिधि मंड़ल की ओर से सम्पूर्ण तहसील को सांचौर जिले से अलग करने की मांग के पूरा होने के आसार लगने से रानीवाड़ा तहसील के कुछ सांचौर सीमावर्ती गांवों भाटीप, डीगांव, मौखातरा, सेवाड़ा व कोटड़ा से एतराज आना तय माना जाता है।
अब राजस्थान में दूसरा छोटा जिला होगा सांचौर
ऐसा माना गया है कि जनसंख्या के मायने से राजस्थान में सबसे छोटा जिला जैसलमेऱ है। जिसकी जनसंख्या 2011 के अनुसार सिर्फ 6.70 लाख है। अब सांचौर नवसृजित जिले की रानीवाड़ा और बागोड़ा को मिलाकर 8.45 लाख आबादी होती है। राज्य में जैसलमेर के बाद कम आबादी में सांचौर जिला आता है। यदि रानीवाड़ा और बागोड़ा तहसीलों को अलग किया जाता है तो सांचौर जिले की आबादी सिर्फ 4.87 लाख ही रह जाएगी। राज्य में नए जिलों के गठन के बाद भी एक जिले की औसत जनसंख्या 15 लाख आंकी है तो सांचौर जिले की आबादी इतनी कम होने के बाद जिला बने रहने पर सवालिया लगाना तय है।
प्रतिनिधि मंडल में ये लोग रहे शामिल
पूर्व मंत्री अर्जुनसिंह देवडा, विधायक नारायणसिंह देवल, सुंधा ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन पूरणसिंह गजापुरा, जिला प्रमुख राजेश राणा, रानीवाडा पंचायत समिति प्रधान राघवेंद्रसिंह देवडा, बड़गांव उपसरपंच इक्ष्वाकुदेव देवड़ा, सरपंच महेन्द्रसिंह देवल, मालवाड़ा सरपंच प्रदीपसिंह देवल, मुकेश खण्डेलवाल, सीए प्रवीण परिहार, दिव्यस्वरूप महाराज, आप पार्टी जिला अध्यक्ष मसरु देवासी, सरपंच कर्णसिंह चाटवाडा, किसान नेता सोमाराम चौधरी, देरावरसिंह देवड़ा, जयरुपाराम माली, पूर्व प्रधान धूखाराम पुरोहित, प्रताप पुरोहित, मनोहरसिंह चांदूर, जयंतीलाल पुरोहित, ओमप्रकाश माली, हर्षवर्धन सिंह, शंकरलाल चौधरी सहित कई लोगों ने प्रतिनिधि मंडल में साथ दिया।
32 ग्राम पंचायतों से आया प्रस्ताव
सरपंच संघ रानीवाड़ा के अध्यक्ष एडवोकेट जबराराम पुरोहित बताते है कि रानीवाड़ा पंचायत समिति सहित समग्र तहसील क्षेत्र को सांचौर जिले में जोड़ना गलत है। नाराजगी को लेकर करीबन 28 ग्राम पंचायतों ने 15 अगस्त को सर्वसम्मति से प्रस्ताव लेकर रानीवाड़ा को सांचौर से अलग करने की मांग की है। कुछ सांचौर सीमावर्ती ग्राम पंचायत डीगांव भाटीप, कोटड़ा, मौखातरा और सेवाड़ा ने नवसृजित सांचौर जिले के साथ रहने की इच्छा जताई परन्तु वहा की बहुसंख्यक आबादी ने एसडीएम को ज्ञापन देकर रानीवाड़ा के साथ रहने की इच्छा जताई है। ऐसे में रानीवाड़ा तहसील को सांचौर से अलग करने के संभावित आदेशों का प्रभाव उक्त ग्राम पंचायतों में ज्यादा होगा।