रानीवाड़ा कस्बे के महज 6 किमी दूर स्थित हजरत हाजी कादरशाह बाबा सांईजी की बेरी दरगाह पर 13 अक्टुम्बर को होने वाले 45वें उर्स की तैयारियां जोरों पर है। दरगाह कमेटी के अध्यक्ष मिस्त्री आबादखान ने बताया कि दरगाह में रंग रोगन व सफाई पुताई के इंतजाम सहित आने वाले जायरिनों के लिए उर्स इन्तजामियां दरगाह कमेटी की ओर से पेयजल, भोजन व रोशनी के इंतजाम करवाए जा रहे है। जायरिनों की सुरक्षा प्रबंध के लिये पुलिस प्रशासन का भी पुख्ता इंतजाम किया जाएगा। 13 अक्टूम्बर को रात्रि में कव्वाली का कार्यक्रम भी आयोजित होगा।
दरगाह खादिम सद्दीक भाई व उपाध्यक्ष इस्माइल भाई छिपा ने बताया कि हजरत हाजी कादरशाह बाबा की दरगाह कौमी एकता की मिसाल है।यहा पर हर धर्म व मजहब के लोग अपनी मन्नतें लेकर बाबा की दरगाह पर आते है। आज भी बाबा उनकी मन्नत को पूरा करते है। हजरत बाबा कादर शाह के दरबार से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता है। दरगाह पर गुरुवार के दिन भी कई जायरिन पहंुचते है। यहां बाबा के मजार पर सभी धर्म के अनुयायी फरियाद लेकर आते है और बाबा की चादरपोशी करते हैं।दरगाह पर होने वाले 45वें उर्स में दरगाह के गद्दीनशीन पीर हजरत भाईजान बाबा रहमतुल्लाह अलैहि के खानकाहे डीसा से सैय्यद मोहम्मदअली कादरी, सैय्यद हसनअली कादरी तसरीफ़ लाएंगे।
दरगाह पर 13 अक्टूबर को बाद नमाज जौहर दोपहर 2 बजे सन्दल का कार्यक्रम होगा। बाद नमाजे ईशा रात्रि 9 बजे गद्दीनशीन की ओर से मिलाद का प्रोग्राम होगा। इसके बाद में हिंदुस्तान के मशहूर कव्वाल दिलशाद इरशाद साबरी ब्रदर्स अपनी कव्वाली पेश करेंगे। वहीं, दरगाह पर पगड़ी बन्ध कव्वाल मुराद एन्ड साबिर पार्टी भीनमाल की ओर से भी कव्वाली पेश की जाएगी। बता दे हजरत हाजी कादरशाह बाबा की दरगाह पर राजस्थान सहित गुजरात व महाराष्ट्र से जायरीन उर्स में पहंुचते है। उर्स के दिन रानीवाडा, भीनमाल, बडगांव, मालवाड़ा, मंडार, धानेरा, डीसा से कई जायरिनों का पैदल जत्था भी दरगाह पर पहुंचता है। लंगर का इंतजाम भी इंतजामिया कमेटी की ओर से होता है।