रानीवाड़ा। गायों में फैली महामारी लम्पी स्किन से जहां एक ओर गौवंश सरकार की उदासीनता और लापरवाही के कारण तड़प-तड़प कर मरने को मजबूर है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश की नाकारा और निकम्मी सरकार खेलों में मस्त हो रही है, यह कहना है रानीवाडा विधायक एवं भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण सिंह देवल का। विधानसभा क्षेत्र के गांवों में गायों में फैली महामारी लम्पी स्किन का जायजा लेने पहुंचे स्थानीय विधायक नारायण सिंह देवल ने जब एक जगह गौमाता को तड़प – तड़प कर अपनी आँखों के सामने मरते देखा तो देवल ने भावुक होकर ये उद्गार प्रकट किए।
देवल ने कहा कि मुझे ग्रामीण ओलंपिक खेलों के आयोजन से कोई परेशानी नहीं है लेकिन सरकार को गायों को बचाने पर भी ध्यान देना चाहिए। गांवों में सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी हड़ताल पर हैं, गौमाता की देखभाल करने वाले पशु चिकित्सा सहायक और पशुधन सहायक अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। महामारी के वक्त में हालात की नजाकत को समझते हुए सरकार को उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही कर इनकी हड़ताल समाप्त कराने के प्रयास करने चाहिए जबकि सरकार ग्रामीण ओलंपिक खेलों में लगी हुई है। क्या गौवंश को बचाने के लिए सरकार की संवेदनशीलता पूरी तरह समाप्त हो गई है ? टीकाकरण नहीं किया जा रहा है और ना ही लम्पी स्किन से ग्रसित गायों को पर्याप्त और अच्छा ईलाज व दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही हैं और ना ही जो गौमाता कालग्रस्त हो चुकी है उनके निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतों को कोई बजट आवंटित किया जा रहा है।
कई ग्राम पंचायतें मृृत गायों को जमीन में गाड़ कर निस्तारण कर रही हैं जबकि कई ग्राम पंचायतें मृत गायों को आबादी के निकट ही निर्जन स्थान पर पटक कर इतिश्री कर रही हैं जिससे बारिश के मौसम में अन्य बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है जो मानव जीवन को भी खतरे में डाल सकता है। जो गौमाता पूरे विश्व की पालक है आज वही सरकारी अकर्मण्यता के चलते दुदर्शा की शिकार हो रही है।
मैं सरकार से और विशेषकर मुख्यमंत्री जी से आग्रह करना चाहूंगा कि आप ग्रामीण ओलंपिक खेलों का भरपूर आयोजन करो लेकिन गौमाता को बचाने और उनके स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले पशु चिकित्सा सहायक एवं पशुधन सहायकों से शीघ्र वार्ता कर उनकी मांगों पर ठोस कार्यवाही कर उनकी हड़ताल समाप्त करवाओ ताकि गौवंश को मरने से बचाया जा सके और मृृत गौवंश के निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतों को शीघ्र बजट आवंटन करा जाए जिससे दूसरी बीमारियां फैलने से रोका जा सके।