जवाई नदी के पुनर्जीवन तथा किसानों की समस्याओं को लेकर गृह मंत्री श्री अमित शाह को सौंपा मांग पत्र
जालोर,8 दिसंबर। राजस्थान विधान सभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने जालोर मुख्यालय पर चल रहे किसान आंदोलन तथा जवाई नदी के पुनर्जीवन को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर उन्हें मांग पत्र के माध्यम से जन भावना से अवगत करवाया है ।
उन्होंने बताया कि जवाई बाँध निर्माण से पूर्व जवाई नदी में पानी का बहाव वर्षभर रहता था, लेकिन इसके उपरान्त नदी वर्षभर लगभग सूखी रहने लगी जिसके परिणामस्वरूप जालोर एवं आस-पास का क्षेत्र अब एक डार्क जोन बन चुका है। राज्य परिवर्तित बजट 2024-25 के बिन्दु संख्या 113-1-3 के अनुसार माही के अधिशेष जल से जवाई बाँध वो पुनर्भरण की योजना प्रस्तावित की गई है (प्रति संलग्न परिशिष्ट-अ), जो एक स्वागत योग्य कदम है, परन्तु इस घोषणा में लाभान्वित होने वाले क्षेत्रों में जालोर जिले का कहीं उल्लेख नहीं है। इस सन्दर्भ में मेरा निवेदन है कि इस योजना के लाभान्वितों में जालोर जिले को भी जोड़ा जाये।
उन्होंने कहा कि राज्य जल नीति 2010 के बिन्दु संख्या 1.4.9 (प्रति संलग्न परिशिष्ट-ब) में इसका स्पष्ट उल्लेख है कि किसी भी जल संसाधन परियोजना में कुछ पानी बाँध के नीचे नदी (अनुप्रवाह) में छोड़ने के लिए प्रावधान रखा जावेगा। साथ ही राज्य जल नीति के बिन्दु संख्या 7.1.3 (प्रति संलग्न परिशिष्ट-स) में यह स्पष्ट किया गया है कि वृहद जलाशय परियोजनाओं का अनुप्रवाह (डाउनस्ट्रीम) की और रहने वाले उपयोगकर्ताओं पर पड़ने वाले पर्यावरणीय प्रभाव पर प्राथमिकता से विचार किया जायेगा। किंतु जवाई बाँध परियोजना में जालोर एवं आस-पास के क्षेत्रों के परिपेक्ष्य में जल नीति के उक्त प्रावधानों की पालना सुनिश्चित नहीं की गई है।
मुख्य सचेतक ने बताया कि जवाई नदी को पुनर्जीवित करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान गत कई दिनों से जालोर जिला मुख्यालय पर धरने पर बैठे हैं। यदि जवाई पुनर्भरण योजना में जालोर को समुचित लाभ दिया जाकर जवाई नदी को पुनर्जीवित किया जाता है तो इससे पाँच विधान सभा क्षेत्र सुमेरपुर, जालोर, आहोर, भीनमाल एवं सांचौर (चितलवाना) के लोग लाभान्वित होंगे एवं क्षेत्र का भू-जल स्तर बढ़ने से क्षेत्र का मरूस्थलीकरण भी नियंत्रित होगा।
मुख्य सचेतक ने इस संवेदनशील विषय के संदर्भ में जालोर जिले एवं निकटवर्ती क्षेत्र के किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए समुचित ठोस कार्यवाही के लिए केंद्रीय गृह मंत्री से आग्रह किया है।