भीनमाल। आदर्श कॉपरेटिव सोसायटी के लिक्यूडेटर आईएएस एच एस पटेल के लिखित अनुरोध पर सिरोही के जिला कलेक्टर ने आदर्श की चार सम्पतियों को उन पर आदर्श सोसायटी से लोन होने के कारण उनका म्यूटेशन लिक्यूडेटर के नाम भरने के निर्देश राजस्व विभाग को दिया। जिस पर लम्बे समय बाद खुलासा होने पर सम्बंधित पटवारियों ने नामांतरण भर दिया है। सम्भव एनर्जी, आदर्श नगर में स्थित कुछ प्रपोर्टिज व वाड़ाखेड़ा की कृषि भूमि शामिल है।
जावाल में जो अचल संपत्ति है, उन पर इडी की ओर से ट्रांसफर नही करने का नोट लगे होने से लिक्यूडेटर के अनुरोध पर कलेक्टर ने ईडी के रिजनल कार्यालय से मार्गदर्शन मांगा है, कि लिक्यूडेटर के नाम यह भूमि की जावे या नही। जावाल की भूमि पर भी लोन होने से म्यूटेशन भरने के लिए लिक्यूडेटर लम्बे समय से अनुरोध कर रहा है। ईडी की ओर से मार्गदर्शन मिलने के बाद म्यूटेशन भरने या नही भरने का निर्णय होगा।
कहा जा रहा है कि यह भूमि भी आगे से आगे बिक गई है क्योंकि भूमि को लीज में होने का कोई नॉट सरकारी रेकर्ड में नही था। लोन लेने पर मॉर्गेज रखने का नोट जमाबंदी में अंकित होता है लेकिन इन मामलों में ऐसे नोट अंकित नही होने से यह भूमि व प्रापर्टीज आगे से आगे बिकती रही।
बता देते है कि इस सोसायटी में देश के 21 लाख जमाकर्ताओं का लगभग 14 हजार करोड़ रुपये पिछले 7 वर्षों से जमे हुए है। इस सोसायटी में हुए घोटालों की जांच ईडी, इनकम टैक्स, एसओजी व अन्य एजेंसीज कर रही है। अभी हाल ही में सांसद लुम्बाराम चौधरी की ओर से केंद्र सहकारिता एवम गृह मंत्री को लिखे एक पत्र के उत्तर में भारत सरकार ने जबाब दिया है कि इस मामले की अनेक एजेंसीज जांच कर रही है और अब सरकार इन सभी मामलों को एक जगह एकत्रित कर एसओजी की विशेष कोर्ट में सूनवाई के लिए प्लानिंग कर रही है।
सांसद लुंबाराम सहित पूर्व सांसद देवजी पटेल ने जमाकर्ताओं का दर्द पत्र में बयान करते हुए मदद का अनुरोध किया था। अब जयपुर की विशेष कोर्ट में इन सब दर्ज मुकदमों की सूनवाई होगी। एसओजी ने कुछ मामलों में तो आरोप पत्र दाखिल कर दिए है जिन पर कोर्ट में सूनवाई चल रही है। सोसायटी के अनेक संचालक व उनसे जुड़े एक दर्जन लोग वर्षाे से जेलों में बन्द है और कुछ फरार चल रहे है। अब कुछ कार्रवाई होने से निवेशकर्ताओं में राहत की उम्मीद जगी है।