सरकारी मुख्य सचेतक और जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग अन्य जनप्रतिनिधियों के बीच सेतु का कर रहे काम
रानीवाड़ा। रानीवाड़ा संघर्ष समिति के सदस्यों ने जयपुर पहुँचकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, राजस्थान विधानसभा के सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, उप मुख्यमंत्री दीयाकुमारी, जिला एवं संभाग समीक्षा मंत्री मण्डलीय उप समिति के संयोजक उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा, उपसमिति के सदस्य एवं जल संसाधन मंत्री सुरेशसिंह रावत, सदस्य एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल, उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धनसिंह राठौड़ को ज्ञापन सौप कर मांग की गई कि क्षेत्र की जनता पिछले 17 अगस्त 2023 से पंचायत समिति रानीवाड़ा के बाहर रानीवाड़ा संघर्ष समिति के बैनर तले अनिश्चितकालीन धरना एवं भूखहड़ताल पर बैठकर एवं मांग कर रहीं थी।
धरने के समय विशाल जनसभा आयोजित की गई थी, जिसमें राज्यसभा के सांसद राजेन्द्र गहलोत, विधायक नारायणसिंह देवल, विधायक छगनसिंह राजपुरोहित, पूर्व मंत्री अर्जुनसिंह देवड़ा, प्रधान राघवेंद्रसिंह देवड़ा सहित गणमान्यजन के समक्ष भूख हड़ताल आमरण अनशन पर बैठे मुकेशकुमार खण्डेलवाल का अनशन खत्म करवाते हुए कहा था कि राज्य में भाजपा की सरकार आने पर रानीवाड़ा क्षेत्रवासियों की मांग पर उचित विचार कर क्षेत्र वासियों के हक मे निर्णय लिया जाऐगा।
चुनाव आचार संहिता के कारण धरना प्रदर्शन स्थगित किया गया था। ज्ञापन मंे बताया कि रानीवाड़ा क्षेत्र को प्रस्तावित भीनमाल जिले में शामिल किया जाए या फिर रानीवाड़ा क्षेत्र को यथावत जालोर जिले में रखा जाए। धरनार्थियों ने पूर्व में धरना प्रदर्शन जारी रखकर आक्रोश व्यक्त किया था। जब देश आजाद हुआ था उस समय से जालोर जिले की सीमा पाकिस्तान बाॅर्डर के नजदीक थी। उस समय से यह बात आई थी की भीनमाल को जिला मुख्यालय बनाया जाये। पर वर्तमान में सांचोर को बिना मांगे जिला बना देना एवं रानीवाड़ा क्षेत्र को यहाँ के जनप्रतिनिधि, पूर्व जनप्रतिनिधि सहित आमजन को विश्वास में लिये बिना सांचोर जिले में जोड़ देना न्याय संगत नहीं है।
सांचोर जिला बनाया उसका हमें कोई विरोध नहीं है पर पूर्व सरकार द्वारा गठित रामलुभाया कमेटी के किसी भी सदस्य ने रानीवाड़ा क्षेत्र के लोगों को जनप्रतिनिधि वर्तमान या पूर्व जनप्रतिनिधियों से राय तक नहीं ली गई। ऐसा ही जिले की सीमांकन करते वक्त सरकार द्वारा नियुक्त किसी प्रशासन अधिकारी ने भी रानीवाड़ा आकर किसी से रायशुमारी नहीं की ओर न ही जनसुनवाई के तहत कोई केम्प लगाया।
समाजसेवी मुकेश कुमार खण्डेलवाल ने कहा कि किसी ढाणी गाँव की भी सीमा निर्धारित की जाती है तब क्षेत्रवासीयों से रायशुमारी की जाती है एवं सरकार द्वारा आपत्ति के लिए विज्ञापन दिया जाता है मगर रानीवाड़ा क्षेत्र को सांचोर जिला मे आनन फानन मे जोड़ देना क्षेत्र की जनता के साथ घोर अन्याय है।
खण्डेलवाल ने बताया कि पडौसी गुजरात राज्य में जिले का नाम कुछ ओर है मुख्यालय जनता की मांग अनुसार अन्य शहर में है एवं जिले के नाम क्षेत्र अनुसार होकर मुख्यालय सुविधाओं युक्त शहर में है। पूर्व मुख्यमंत्री राजस्थान ने रातों रात सांचोर को बिना मांगे ही जिला घोषित कर दिया जो रानीवाड़ा क्षेत्र की जनता के साथ घोर निंदनीय था। मगर क्षेत्र की जनता के इच्छा के विरोध होने पर भी रानीवाड़ा को उसमें शामिल करना घोर अन्याय किया गया। रानीवाडा क्षेत्र के लोग वहाँ नहीं रहना चाहते इस हेतु सभी ग्राम पंचायत ने आम ग्राम सभा में प्रस्ताव लेकर भी सरकार को अवगत करवाया गया था फिर भी पूर्व की सरकार ने जनता की मांग को नजर अंदाज किया गया।
रानीवाड़ा क्षेत्र की जनता सांचोर जिले में रहने के लिए कतई तैयार नहीं है। भीनमाल को जिला बनाकर रानीवाड़ा क्षेत्र को उसमें जोड़ा जाए या फिर रानीवाड़ा क्षेत्र को यथावत् जालोर जिले में ही रखा जाए। भीनमाल जिला बनने के सभी मापदंडों पर खरा उतरता है जिले के लिए जो सुविधाएं आवश्यकता है वे सभी भीनमाल शहर में अनुकूल है। रानीवाडा क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय हुआ है अब वर्तमान सरकार को सघर्ष समिति की मांगौ को ध्यान में रखते हुए राहत प्रदान करनी चाहिए।
रानीवाड़ा को सांचोर जिले में जोड़ने का विरोध जताते हुए, भीनमाल को जिला बनाकर रानीवाड़ा को इसमें जोड़ने या रानीवाड़ा क्षेत्र को जालोर जिले में यथावत् रखने की मांग की गई। राजस्थान विधानसभा के सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग जिले की समीक्षा को लेकर विशेष गम्भीर प्रयास कर रहे हैं वो सभी जनप्रतिनिधियों से सामंजस्य बिठा कर रानीवाड़ा व बागोड़ा क्षेत्र के जनमानस के मांगों अनुसार जिले की मांग को आगे बढाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं ताकि आमजन को राहत मिल सकें।
रानीवाड़ा सघर्ष समिति शीघ्र ही जिला, संभाग के समीक्षा समिति के अध्यक्ष ललीत के पंवार से मिल कर भूगोलीय स्थिति बताते हुए उन रानीवाड़ा क्षेत्र की ग्राम पंचायत द्बारा ग्राम आमसभा मे लिए गए प्रस्तावों की प्रतियों के साथ मांग के सर्मथन मे ज्ञापन सौंपा जाऐगा।