बड़गांव निवासी अब्बासभाई बोहरा ने बुढ़ापे में सेवा नही करने पर अपनी पत्नि, बेटे व पुत्री को अपनी संपति एवं सावधी जमाओं से किया था बेदखल, सेवादार जैनुद्दीन आरजु पुत्र हमीममुदीनजी बोहरा को बनाया था उत्तराधिकारी, धार्मिक पंचों के बीच भी गया था मामला, एक पक्ष के नही मानने पर समझौता हुआ भंग, अब पुलिस व न्यायालय पर है भरोसा
जालोर जिले की रानीवाड़ा तहसील के बांकडिया बड़गांव में बोहरा मुसलमान का एक मामला इन दिनों वापिस जोर पकड़ रहा है। मामला रोकड़ राशि व सम्पत्ति पर अधिकार का बताया जा रहा है। वसियतनामों एवं अन्य दस्तावेजों में घालमेल कर करीबन 28 लाख रूपए हड़पने के आरोप को लेकर एक पक्ष ने पुलिस अधीक्षक को परिवाद भेजकर रिपोर्ट दर्ज कर जांच कराकर न्याय दिलाने की मांग की है।
बता देते है कि जैनुद्दीन आरजु पुत्र हमीममुदीनजी बोहरा जाति मुसलमान निवासी मुम्बई ने बताया कि मारवाड ग्रामीण बैंक बड़गांव में निकटतम सम्बन्धी अब्बासभाई पुत्र फिदाहुसैन बोहरा मुसलमान निवासी बडगांव ने विशेष सावधी जमा खाते में अलग-अलग 20 लाख के आस पास 2011 में राशि फिक्स डिपोजिट के रूप में जमा कराई थी। समस्त सावधी जमा राशि में से धारक अब्बास भाई ने कोई भुगतान प्राप्त नहीं किया था। 27 दिसंबर 2011 में मुम्बई में बनाए गए वसियतनामा के अनुसार उक्त समस्त सावधी जमाओं में बतौर नॉमिनी जैनुद्दीन आरजु का नाम स्वयं खाताधारक अब्बासभाई ने स्वयं ने दर्ज करवाया था, नियमानुसार किसी खाताधारक या सावधी जमाकत्तों की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी की हैसियत से दर्ज व्यक्ति उक्त खाताधारक की राशि कानूनन प्राप्त करने का अधिकारी होता है।
इस तरह, खाताधारक अब्बासभाई का देहावसान 14-6-2014 को होने के बाद मुझ प्रार्थी ने एक आवेदन राजस्थान मरुघरा ग्रामीण बैंक शाखा बडगांव में प्रस्तुत किया परन्तु बेईमानीपूर्वक आशय से तात्कालिन शाखा प्रबन्धक जब्बरसिंह जोधा ने बहानाबाजी नॉमिनी को भुगतान करने से मना कर दिया। बिना किसी विधिक अधिकार के उत्तराधिकार पत्र प्रस्तुत करने का कहा, तत्पश्चात् मैने तात्कालिन शाखा प्रबन्धक जब्बरसिंह जोधा को एक नोटिस दिया जिसका जबाब उक्त बैंक शाखा प्रबन्धक द्वारा अक्टूम्बर 2021 में दिया गया। उस दौरान जैनुद्दीन आरजु अपने व्यवसाय में मुम्बई में व्यस्त था तथा लॉक डाउन होने की वजह से आवागमन नही कर सका था।
बाद में मिलीभगत करके मैनेजर ने जमाओं का भुगतान मुझे नही कर एवं विधि विरूद्ध तरीके से मुलजिमान कुतुबद्दीन पुत्र अब्बासभाई, नफीसा पत्नी अब्बास भाई एवं दुरैया पुत्री अब्बास भाई समस्त जातियान मुसलमान बोहरा निवासी बडगाँव हाल मुम्बई के साथ मिलकर आपराधिक षडयन्त्र कर गैर कानूनी तरीके से उपरोक्त सभी सावधी जमाओं का भूगतान उनके खातों में कर दिया। परिपक्व राशि के रूप में 27 लाख 66 हजार रूपयों को भूगतान किया गया। जो एक अपराध की श्रेणी में आता है, उक्त जानकारी प्रार्थी को अक्टूम्बर 2021 के बैंक द्वारा दिये गये नोटिस से हुई। पुलिस थाना रानीवाडा में उक्त घटना की रिपोर्ट पेश की थी, परन्तु पुलिस थाना रानीवाडा ने मुकदमा दर्ज नही कर औपचारिकता कर बंद कर दिया गया। अब फिर से जांच कराने को लेकर एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला को परिवाद भेजा गया है।
दूसरी ओर, वकिल श्रवणसिंह देवड़ा ने कुतबुद्दीन बोहरा के हवाले से बताया कि जैनुद्दीन आरजु पुत्र हमीममुदीन बोहरा जाति मुसलमान निवासी मुम्बई सिर्फ नौकर था। उसका अब्बासभाई से कोई नजदीकी रिश्ता नही था। उसने अब्बास भाई की बुढापे के दरम्यिान सेवा के लिए रखा गया था। उसने उनके वालिद को गुमराह कर कुछ दस्तावेज बनाए थे। जो कि गलत है। कुतबुदीन ही उनका प्राकृतिक वारिस रहा है। इसलिए तमाम सावधी जमाओं 27 लाख 65 हजार पर उसका, मां व बहिन का अधिकार है।
जबकि, जैनुद्दीन आरजु पुत्र हमीममुदीन बोहरा जाति मुसलमान निवासी मुम्बई ने बताया 27 दिसंबर 2011 को जरिए वसियतनामा अब्बास भाई ने उसे तमाम मुम्बई व राजस्थान की संपतियों एवं मुम्बई व बड़गांव की बैंकों में जमा लाखों रूपयों की फिक्स डिपोजिट का उत्तराधिकारी बनाया गया था। तो कि रजिस्टर्ड है। इसलिए, अब्बास भाई की नकदी व संपतियों का एकमात्र वारिसदार वो खुद एक मात्र है।
बहरहाल, बड़गांव में बोहरा समाज में संपतियों का विवाद पुराना है। कई विवादों की पुलिस जांच जारी है। कई प्रकरण न्यायालय में भी लंबित है। ऐसे में राजस्व के ऐसे प्रकरण लंबे चलने के बाद ही निर्णय होंगे। तब तक इंतजार ही करना होगा।