श्रम मंत्री श्री सुखराम बिश्नोई, पूराराम चौधरी व भीनमाल के पूर्व विधायक डॉ समरजीतसिंह ने भी शिरकत की, जसनाथ जी महाराज के बताए हुए 36 नियमों पर चलने के लिए जनसमूह से आह्वान किया
बागोड़ा तहसील के जाणियों की ढाणी में जसनाथी सम्प्रदाय के प्रवर्तक श्री जसनाथ जी महाराज के 541वें अवतरण दिवस पर रात्रि जागरण, प्रतिभा सम्मान व रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। श्री जसनाथ आश्रम में आयोजित इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी खासियत रहा जसनाथी सम्प्रदाय के सिद्धों द्वारा अग्नि नृत्य। जब जसनाथ जी की शब्दवाणी, नगाड़ों की डंकों की ध्वनि के साथ फतेह-फतेह की उदघोषणा के साथ सिद्ध नृतकों ने जलते अंगारों पर नृत्य करना शुरू किया तो वहां मौजूद विशाल जनसमुदाय हतप्रभ था। जसनाथी सम्प्रदाय की पुनरासर (बीकानेर) बाड़ी के महंत प्रेमनाथ जी के सानिध्य इन सिद्ध गायकों-नृतकों ने करीब 4 घंटों तक अग्नि नृत्य व अपनी वाणी से जसनाथजी महाराज की शिक्षाओं को जनता के सामने रखा। जसनाथी संप्रदाय का अग्नि नृत्य दुनियाभर में मशहूर है
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इस अवसर पर राजस्थान के श्रम मंत्री सुखराम बिश्नोई के मुख्य आतिथ्य में प्रतिभा सम्मान समारोह व रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। सुखराम बिश्नोई ने विभिन्न क्षेत्रों में नाम रोशन करने वाली प्रतिभाओं को प्रशस्ति चिह्न देकर सम्मानित किया। इस दौरान बिश्नोई ने स्थानीय निवासियों व राजस्थान के विभिन्न जिलों से पधारे जसनाथी सम्प्रदाय के लोगों को सम्बोधित करने का भी अवसर मिला व जसनाथ जी महाराज के बताए हुए 36 नियमों पर चलने के लिए जनसमूह से आह्वान किया। मंत्री बिश्नोई ने कहा कि गुरू श्री जांभोजी महाराज व गुरू श्री जसनाथजी महाराज समकालीन और गुरूभाई थे। इन दोनों महान संतों ने मध्यकाल में किसान क़ौम को जो राह दिखाई वह अनुकरणीय है
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इस दौरान आयोजित रक्तदान शिविर में 40 से ज़्यादा यूनिट रक्तदान किया गया। रक्तदान करने वालों को स्थानीय विधायक पूराराम चौधरी व भीनमाल के पूर्व विधायक डॉ समरजीतसिंह ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में जसनाथी सम्प्रदाय की पुनरासर (बीकानेर) बाड़ी के महंत सिद्ध प्रेमनाथजी ज्याणी, भीनमाल के विधायक पूराराम चौधरी, भीनमाल के पूर्व विधायक डॉ समरजीत सिंह, समेत प्रदेश के कई इलाक़ों से जनप्रतिनिधि, समाज के कई मौजिज लोग शामिल हुए।