कोल्हापुर के शिवाजी पेठ के वस्तद पंडित राव पोवार के घर में ही ‘शिवकालिन शास्त्र’ की पूजा की जाती थी। पिछले 350 वर्षों से चली आ रही यह परंपरा आज भी जारी है। स्वर्गीय आनंदराव पवार और शिवकालिन प्राचीन मार्शल आर्ट प्रशिक्षण संस्थान हर साल शस्त्र पूजा की इस परंपरा को बनाए रखते हैं। नवरात्रि पर्व के दौरान विजयी दशमी पर शस्त्र पूजन की प्राचीन परंपरा है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में शिवराय के समय के हथियार आज भी कई घरों में पाए जाते हैं।
कागमाला निवासी युवा व्यवसायी मोहब्बत सिंह देवल द्वारा विजयादशमी के पर्व पर महाराष्ट्र के कोल्हापुर में शस्त्र पूजन किया गया कागमाला निवासी मोहब्बत सिंह देवल महाराष्ट्र में भी राजनीति ,समाज सेवा व सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
इस कार्यक्रम मे विभिन्न प्रकार के भाले, मराठा, नंगी, तेगा, नागिन, सिरोही, दुधारी, समशेर, खंडा पत्ता जैसी तलवारें, विभिन्न प्रकार के दंडपट्ट, जाम्बिया, कटियार, ढाल और सैकड़ों हथियार शामिल थे इस मोके क्रीड़ा पदाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर साखरे, महानगर पालिका के उपनगर निर्माता रमेश मस्कर, शिवसेना जिलाध्यक्ष सुजीत चव्हाण, पूर्व पार्षद ईश्वर परमार, अजीत उर्फ पिंटू राउत सहित गुरुओं के साथ पंडित पोवार, रवि दुर्ग, निखिल पोवार, राजू मगदुम, विजय मोरे, संग्राम शिंदे आदि उपस्थित थे।