रानीवाड़ा तहसील के बोरतड़ा वन्य क्षेत्र में पैंथर के फुटमार्क मिलने से ग्रामीणों में दहशत देखी जा रही है। वैसे वन विभाग के अधिकारियों ने बताया पैंथर को पहाडी हैबिटेट जोन में होना बताया है। पगमार्क का वन विभाग के अधिकारियों ने सत्यापित किया है। पैंथर की आवाजाही खेतों या आबादी की ओर नही होने से वन विभाग को राहतभरा देखा जा रहा है।
बता देते है कि बड़गांव और मेड़क के बीच मौजूद बोरतड़ा पहाड़ी वन क्षेत्र में पैंथर का मूवमेंट देखा गया है। पगमार्क की पहचान होने के बाद विभाग सतर्क हो गया है। हालांकि, वन विभाग के अनुसार पैंथर अभी हैबिटेट जोन में है। उसके मूवमेंट पर विभागीय अधिकारी वॉच कर रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि इलाके में पैंथर का मूवमेंट महीनेभर से है। उसने कुछ दिनों पूर्व वन क्षेत्र में नील गाय का शिकार भी किया है।
ग्रामीण व किसान है चिंतित
ग्रामीणों ने बताया पहाड़ी के पास ही धामसीन, धानोल, अदापुरा, मौखमपुरा, पिथापुरा, जैतपुरा, खाखरिया व मेडक गांव हैं, जहां के किसान खेती करते हैं और कुओं पर मकान बनाकर निवास करते है। अपने मवेशी भी कुओं पर खुलों में बांधते है। खेतों में पगमार्क मिलने के बाद से वे डरे हुए सतर्क हैं। वनपाल दिनेश कुमार ने बताया कि खेतों में जो पगमार्क दिखे हैं, वो पैंथर के है।
बछड़ों का किया शिकार
ग्रामीणों ने बताया कि महीनेभर पहले पैंथर ने नील गाय सहित तीन बछड़ों का शिकार कर लिया था। बछड़ों का शिकार हरसन पुत्र उकाराम रबारी के खेत से किया था। इधर, बेसहारा गोवंश पर भी कई बार पैंथर ने हमले करने की खबर मिली है।
इनका कहना
बड़गांव के पास बोरतड़ा पहाड़ी क्षेत्र के कई खेतों में पैंथर के पगमार्क मिले है। वैसे इस हैबिटेट जोन में पूर्व में भी पैंथर रहा करते है। अक्सर ये पैंथर आबादी क्षेत्र की ओर नही आते है। फिर भी विभाग उनके मूवमेंट पर पूरी नजर रखे हुए है। यदि मूवमेंट आबादी की ओर होगा तो विभाग कार्यवाही करेगा।
-श्रीराम विश्नोई, रैंजर, वन विभाग रानीवाड़ा