जोधपुर 28 अगस्त, 2022
काजरी के नये सभागार में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपने सम्बोधन में कहा कि ये बड़े सौभाग्य की बात है कि जोधपुर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् का एक उत्कृष्ट संस्थान काजरी पिछले 60 से अधिक वर्षो से शुष्क क्षेत्र के किसानों के लिए खेती में नये – नये नवाचार एवं शोध का कार्य कर रहा हैं। जो हमारे रेगिस्तानी क्षेत्रों के साथ-साथ पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण है। उन्होने काजरी द्वारा किये गये अनुसंधान कार्यो की वजह से टिब्बा स्थिरीकरण, स्प्रिंकर और ड्रीप सिंचाई, प्रणाली से तथा फसलों घासों व फलो की नयी किस्मों से कृषि में लागत कम होने से किसानों की आमदनी बढ़ रही हैं। काजरी द्वारा सौर उर्जा, खेती की लागत में कमी करने, पशुधन प्रबंधन जैसे कार्य भी शुष्क क्षेत्र के किसानों की लिए लाभदायक होंगें। काजरी के द्वारा समय-समय पर विकसित की जा रही नई तकनिकियों एवं शोध उपलब्धियों के कारण ही पिछले केवल छः वर्षों में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के 10 राष्ट्रीय पुरस्कारों में से 8 पुरस्कार काजरी को मिले। उन्होनें काजरी में नये बने सभागार, कृषि-व्यवसाय अभिपोषण केन्द्र, पर्यावरण अनुकूल अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र तथा इन्डोर खेल हॉल का उद्घाटन भी किया।
विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान प्रदेश की 65 प्रतिशत जनसंख्या जीवन यापन के लिए खेती एवं खेती से जुड़े व्यवसायों पर निर्भर करती हैं। उन्होनें प्रदेश में बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार, ज्वार, सरसों, जीरा, मेथी, ईसबगोल, धनिया, मेहन्दी, जैसी फसलों की खेती के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई। कुंए एवं ट्युबवेल से फसलो की सिंचाई के लिए सोलर पम्प को काम लेने, फलो एवं सब्जियों की अधिक पैदावार लेने एवं पानी को बचाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाने की सलाह दी। उन्होने कहा कि पानी की कीमत शुष्क क्षेत्र के किसानो से बेहतर कोई नहीं जानता। इसलिए बारिश मे वर्षा जल संचयन करना चाहिए और टांका, नाड़ी, तालाब, जैसे जल स्त्रौतो का रख-रखाव एवं निर्माण वैज्ञानिक विधि से करना चाहिए। इस काम को काजरी के वैज्ञानिक लम्बे समय से करते आ रहे हैं। उन्होनें काजरी द्वारा शुष्क क्षेत्रों में किए जा रहे समन्वित खेती के विकास के लिए किए जा रहे कार्यो को शुष्क क्षेत्र के किसानों के लिए फायदेमंद बताया।
विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय कृषि एवं कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने कई योजनाऐं लागू की हैं लेकिन अभी भी खेती को लाभदायक बनाने के लिए किसान एवं कृषि वैज्ञानिकों को और अधिक कार्य करने की आवश्यकता हैं। खेती के हमारे प्राकृतिक संसाधनों को बचाना है, अधिक पानी की आवश्यकता वाली फसलो की बुवाई में कमी लाना हैं, फलों, सब्जियों, फूलों की बागवानी को बढ़ावा देना हैं, संरक्षित खेती को अपनाना हैं, सौर उर्जा यंत्रों को खेती के कामों में लागू करना हैं, पशु धन की नस्लों में सुधार की आवश्यकता हैं, ओरण, गोचर आदि की स्थिती में सुधार की जरूरत हैं। काजरी द्वारा इन सभी क्षेत्रों में अच्छा अनुसंधान का कार्य हुआ हैं तथा शुष्क क्षेत्र के किसानों के लिए कई तकनिकियां विकसित की हैं जिसका फायदा किसानों को मिल रहा हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के सचिव तथा महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली डॉ. हिमांशु पाठक ने कहा कि परिषद् की संस्थान मरूस्थल नियंत्रण जल संयंत्र सौर उर्जा पशु धन प्रबंधन चारागाह प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है जिससे क्षेत्र में हरीयाली छायी एवं किसानो कि आय में बढ़ोतरी हुए।
आई.सी.ए.आर. के उपनिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन) डॉ. एस.के. चौधरी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों कि प्रबंधन एवं पैदावार बढाने के लिए जो तकनिकियां विकसित कि है उससे इस क्षेत्र में फसल उत्पादन बढ़ा जिससे किसानो का जीवन स्तर सुधरा।
काजरी निदेशक डॉ. ओ.पी. यादव ने प्रारंभ में सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा प्रजेन्टेशन द्वारा काजरी के शोध कार्यो व गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि मरूक्षेत्र के विकास के लिए काजरी ने कई तकनिकियां विकसित करके किसानों तक पहुंचायी जिसका लाभ किसान ले रहे हैं। क्षेत्र के विकास के लिए काजरी के वैज्ञानिक और अधिक प्रयास कर रहे हैं।
इस अवसर पर खेती में नवाचार करने वाले और काजरी की तकनिकियों का उपयोग करने वाले किसान सादुलाराम चौधरी, जितेन्द्र सिंह सांखला, अघु देवी, रावल चन्द, दयाराम, भगराज चौधरी, भावना शर्मा, भीमाराम पटेल तथा विकास खीची को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। कार्यक्रम का संचालन गजेसिंह जोधा एवं डॉ. सोमा श्रीवास्तव ने किया तथा डॉ. एन.वी. पाटिल ने सभी का आभार प्रकट किया।