परंपरागत पौशाक जरूरी, राजस्थान गुजरात में नियम होंगे प्रभावी, समाज को होगा फायदा, पंचों के खिलाफ कार्रवाई करने वाला होगा समाज से बाहर
देवासी, रेबारी, रायका या देसाई समाज के पाच परगना के पंचों की आवश्यक बैठक का आयोजन आज रविवार 18 अगस्त को गुजरात के श्री कसाना बापू मंदिर में आयोजित हुई। जिसमें पांचों परगना क्षेत्र जिसमें गुजरात और राजस्थान का भाग शामिल है। सभी ने समाज सुधार को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। समाज के पंचों से एकराय होकर सर्व सम्मति से संत श्री सुंदरपुरी महाराज की कसम खाकर निम्न फैसले लिए। कोई भी देवासी समाज का व्यक्ति तोडेगा तो उसे समाज से बाहर कर 51 हजार का दंड भुगतना पडेगा।
बता देते है कि सर्व सम्मति से निर्णय लेकर मृत्यु के अवसर पर अफीम, डोडा, बीडी पर पूर्ण नशाबंदी, ओढोेमनी के रूप में नकदी और ठठई बंद, मृत्यु के अवसर पर पानी ठाम यानि तिए के दिन 20 रुपये दिए जाएंगे। भाती के दिन भी 20 रुपये दिए जाएंगे। गंगाप्रसादी के दिन सोग की दस्तुर समाप्त करना, मौत को लेकर बोलामनु बंद, लड़की की आयु शादी योग्य होने पर विवाह करना, विवाह समारोह में दहेज प्रथा बंद, सिर्फ कांचा या पीतल के बर्तन दिए जाऐंगे। शादी के मौके पर पिता चाहे तो नकदी पैसे दे सकता है। समाज की महिलाए परंपरागत पोशाक चुडा समेत जरूर पहनें। 18 साल से कम उम्र के लड़के-लड़कियों को मोबाइल फोन न दें।
साथ ही, युवाजन स्टाइलिश दाढ़ी न रखें। सगाई तोड़ने वालों और समर्थन देने वालों को समाज दंडित करेगा। मोमेरा में ओढोमेनी बंद, साफा पहनाने की प्रथा बंद, शादी में डीजे प्रथा बंद, गंगा प्रसादी में पर फैसला समाज के पंचों पर छोड दिया गया है। गलती करने वाले के घर समाज जायेगा और समाज निर्णय करेगा। निर्णय नही मानने पर समाज पंचों से शिकायत करेगा, समाज जुर्माना लगाएगा और समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा। समाज में गलती करेगा और उसका तुरंत फैसला लाना होगा। जो व्यक्ति समाज के पंचों के खिलाफ राजकीय केस या कोर्ट की कार्रवाई करेगा उसके खिलाफ समाज एक्शन लेकर बाहर करेगा। समाज के नियम नही मानने पर उसे 51 हजार से दंडित कर समाज से बाहर किया जाएगा।