सांचौर। राजस्थान की मौजूदा भजनलाल सरकार ने पेपरलीक मामलों में सख्ती दिखाते हुए तीसरी आंख खोल दी है। पेपर लीक मामले में दोषी आरोपियों की अचल और चल संपतियों को कुर्क करने के बाद अब आम चौराहे पर नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसकी शुरूआत सांचौर जिले से हुई है। बता देते है कि पेपर लीक हो या मादक पदार्थो का अवैध बिक्री, सभी में सांचौर का नाम पहले पन्ने की पहली पंक्ति में आ रहा है।
जिला कलक्टर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पेपर लीक प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ अब सरकार उनके खिलाफ सख्ती के मूड में है। सरगनाओं की संपति सीज के साथ अब इन पर कुर्की कार्रवाई की जा रही हैं। सांचौर जिले के अंतर्गत तीन जुलाई को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश उदयपुर के पत्रांक और जिला कलक्टर सांचौर शक्तिसिंह राठौड़ के आदेश की पालना में आरोपी सुरेश ढाका पुत्र मांगीलाल ढाका निवासी अचलपुर के नाम दर्ज कृषि भूमि 3. 15 हैक्टेयर यानि 19.68 बीघा के सरवाना भू-अभिलेख निरीक्षक और पटवारी हलका अचलपुर के अंतर्गत मौके पर कार्रवाई कर यह जमीन हलका पटवारी कमलेश कुमार जाणी को सुपुर्द की है। अब इस जमीन का केयर टेकर पटवारी कमलेश जाणी होगा। वो तहसीलदार के निर्देशों के तहत कृषि भूमि की देखरेख करेगा। हलका पटवारी को निर्देशित किया कि इस भूमि पर कोई काश्त नहीं करे। तहसीलदार के आदेश को संपति पर चस्पा किया है। बता दे रीट मामले में उदयपुर में पकड़ी गई नकल बस के मामले में आरोपी सुरेश मुख्य सरगना है, जो अभी फरार है।
हैदराबाद में शरण लिए बदमाशों को पकड़ा
देशभर में बहुचर्चित राजस्थान के पेपर लीक मामले में लिप्त आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर धरपकड़ अभियान चला रही एसओजी को मंगलवार को रीट पेपर आउट में मुख्य आरोपी ओमप्रकाश ढाका निवासी केरवी व सुनील कुमार बेनीवाल निवासी वीरवा को हिरासत में लेने में सफलता हासिल हुई है। बता देते है कि ओमप्रकाश ढाका सरनाऊ प्रधान शायन्ती देवी का पुत्र है। वही, सुनील बेनीवाल विरावा सरपंच का प्रतिनिधि है। ओमप्रकाश ढाका एसओजी के 75 हजार रुपए का इनामी बदमाश था। जो फरार था। आरोपियों को हैदराबाद से हिरासत में लिया था। एसओजी अब उनसे पूछताछ कर मामले की पड़ताल में जुटी हुई है।
अपराध के हर मामले में सांचौर बन रहा है गढ़
पिछले 10 सालों में चाहे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हो या अशोक गहलोत। एक दशक की बात करें तो प्रदेश में नकल के हर मामले में सांचौर का रोल रहा। रीट मामले तो नकल की पूरी बस ही पकड़ी गई। एक ही स्कूल या गांव या शहर से ग्रुप विशेष के दर्जनों की तादात में थानेदार, ग्राम सेवक, सीएचओ, पटवारी सहित अन्य सेवा में चयन होने वाले युवाओं में, सांचौर जिले के निजी बस संचालक, होटल संचालक, निजी कोचिंग संस्थानों की भूमिका खास रही। सांचौर जिले में नकल के मामलों में तह तक एसओजी और प्रशासन नहीं पहुंच पाया है। राज्य की अवाम को अब भजनलाल सरकार पर पूरा भरोसा है कि नकल सहित अन्य भर्ती परीक्षाओं में लिप्त आरोपियों को शीघ्र जेल में डाला जाऐगा।