गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने संयुक्त रूप से राज्य और पड़ोसी राजस्थान में चार इकाइयों पर छापेमारी की और 230 करोड़ रुपये मूल्य के मेफेड्रोन के साथ कथित रूप से 13 लोगों को गिरफ्तार किया।
एटीएस को गुप्त सूचना मिली थी कि अहमदाबाद निवासी राजस्थान निवासी मनोहरलाल एनानी और कुलदीपसिंह राजपुरोहित ने मेफेड्रोन निर्माण इकाइयां स्थापित की हैं, जिसके बाद शुक्रवार को छापेमारी की गई।
एटीएस की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि एनानी और राजपुरोहित के साथ-साथ उनके सहयोगियों की गतिविधियों पर नजर रखी गई, जिसके बाद राजस्थान के सिरोही और जोधपुर और गुजरात के गांधीनगर के पिपलाज गांव और अमरेली जिले के भक्तिनगर औद्योगिक क्षेत्र में इकाइयों पर छापेमारी की गई।
राजस्थान और गुजरात में चार फैक्ट्रियों से 230 करोड़ की ड्रग पकड़े जाने के बाद गिरोह के तार लॉरेंस विश्नोई गैंग से जुड़े होना सामने आया है। गुजरात एटीएस, नारकोटिक्स ब्यूरो और सिरोही पुलिस की साझा कार्रवाई में पकड़े गए 13 तस्करों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
यह ड्रग पंजाब-हरियाणा व दिल्ली एनसीआर तक सप्लाई होती है। इस बीच 13 तस्करों ने खुलासा किया है कि सभी आरोपी जोधपुर जेल में मिले थे। गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के गुर्गे जगदीश विश्नोई निवासी ओसियां और बाड़मेर के धोरीमन्ना के विक्रम विश्नोई ने एमडी ड्रग प्रॉडक्शन के प्लांट लगाने के लिए प्लान बनाया था। इनके साथ गुजरात का मनोहर ऐनानी भी था, जो 2015 में 279 किलो ड्रग्स के मामले में आबूरोड से पकड़ा गया था और 7 साल की सजा काट रहा था। इसके बाद 2022 में जेल से छूट गया। जगदीश विश्नोई भी 2021 में जेल से छूट गया था।
गुजरात के पिपलाज में 500 ग्राम एमडी के साथ 3 माह पहले पकड़े तस्कर ने उसने खुलासा किया था कि राजस्थान में एमडी बनती है। इधर, पिपलाज में रेड के दौरान गिरफ्तार हुए दीपक सोलंकी (30) का चाय पत्ती का बिजनेस है। दीपक इससे पहले जोधपुर में ड्रग्स सप्लाई के मामले में पकड़ा जा चुका था। चार साल पहले एमडी के सप्लायर कुलदीप सिंह के संपर्क में आकर आया तस्करी करने लगा।
प्लांट 1: सिरोही के लोटवाड़ा गांव से तीन किमी दूर खेत में रंगाराम मेघवाल ने 5 माह पहले प्लांट बनाया। झाब का बजरंग विश्नोई भी साथ था। सप्लाई का रूट : लोटवाड़ा के पास से सिरोही-जालोर हाईवे निकलता है। जालोर के रास्ते जोधपुर-बाड़मेर तक जगदीश व विक्रम ड्रग सप्लाई कर तस्करों के मार्फत बार्डर पार भेजते। बाड़मेर से ही नागौर-बीकानेर होते हुए पंजाब-दिल्ली व एनसीआर तक सप्लाई होती।
प्लांट-2 : जालोर के भीनमाल में बजरंग विश्नोई व रगाराम मेघवाल ने 5 माह पहले प्लांट लगाया, जिसकी देखरेख दोनों ही करते थे। • सप्लाई का रूट : जगदीश व विक्रम अपने गुर्गों के मार्फत भीनमाल प्लांट से एमडी ड्रग जोधपुर-बाड़मेर के साथ सांचौर-रानीवाड़ा के रुट से गुजरात बॉर्डर पार कराता था। अंदेशा है कि मनोहर ऐनानी गुजरात के साथ समुद्री रास्ते से पाक भी भेजता था।
प्लांट-3: जोधपुर के ओसियां के तिंवरी में प्रतापराम ने प्लांट लगा रखा था। यहां जगदीश के साथ कुलदीप राजपुरोहित व हरीश सोलंकी, दीपक सोलंकी गुजरात तक ड्रग ले जाते थे। पाली का दीपक सोलंकी, ओसियां का कुलदीपसिंह व हरीश सोलंकी जोधपुर जेल में साथ रहे थे। जेल से छूटने के बाद तीनों गुजरात शिफ्ट हो गए। • सप्लाई का रूट : ओसियां से ड्रग बाड़मेर के रास्ते पाक बॉर्डर पार भेजी जाती थी, जबकि नागौर-बीकानेर के रास्ते से पंजाब -दिल्ली तक सप्लाई होती थी।